Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक जुलाई को 2 प्रेग्नेंट महिलाओं में वायरस की पुष्टि होने के साथ, पिछले 11 दिनों में मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। ये दोनों नए केस एरंडवाने में मिले हैं।
पुणे में जीका वायरस का सबसे पहला केस एक डॉक्टर में मिला था। इसके बाद उनकी 15 साल की बेटी भी संक्रमित मिली थी। दोनों उसी इलाके में रहते हैं, जहां 2 नए मामले मिले हैं।
टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाके से कई सैंपल लिए हैं। इसके अलावा यहां दवाओं का स्प्रे और फॉगिंग की जा रही है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
मुंधवा और एंडरवाने से कलेक्ट किए गए थे 25 सैंपल पुणे नगर निगम (PMC) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत के मुताबिक उनकी टीम ने 25 सैंपल कलेक्ट किए थे। एरंडवाने इलाके से लिए 12 सैंपल में से 7 गर्भवती महिलाओं के थे। इनमें से दो गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इन मरीजों की देश या विदेश की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। टीम ने मुंधवा से भी 13 सैंपल लिए थे, जिनमें से किसी भी गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं थी।
जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। इसमें ऑर्गेनिज्म हमारी कोशिकाओं का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी के साथ मुश्किल यह है कि ज्यादातर संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं।
जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है।
जीका से पीड़ित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित केवल 5 में से 1 व्यक्ति में ही लक्षण दिखाई देते हैं। जो लक्षण नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है।
गर्भवती महिला से भ्रूण को खतरा ज्यादा जीका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। गर्भवती महिला में जीका वायरस प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है।