Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर अब तक साढ़े हजार पेड़ों को हटाया जा चुका है। इसके बदले यमुना प्राधिकरण 60 हजार पौधे लगा चुका है, लेकिन अभी भी 600 पेड़ ऐसे हैं जो रनवे के लैंडिंग के रास्ते में आ रहे हैं। यह सभी पेड़ किसानों के हैं। किसानों को मुआवजा देने के बाद इन पेड़ों को भी हटाया जाएगा और इसके बदले भी यमुना प्राधिकरण 10 गुना पौधे लगाएगा।
ग्रेटर नोएडा के जेवर में एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। एयरपोर्ट बनने से पहले यहां पर गांव और किसानों की जमीन थी, जिस पर पेड़ों की संख्या काफी ज्यादा थी। भारत सरकार से जब इसको लेकर एनवायरनमेंट क्लेरेंस ली गई तो यह शर्त रखी गई कि जितने भी पेड़ हटाए जाएंगे उसके बदले 10 गुना पेड़ लगाए जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि शुरुआत में करीब साढ़े पांच हजार पेड़ों को वहां से हटाया गया था और उसके बदले में 60 हजार पेड़ यमुना प्राधिकरण ने लगाए थे। इसके अलावा काफी पेड़ों को छोड़ भी दिया गया था, लेकिन अब उन्हीं पेड़ों में से करीब 600 पेड़ रनवे की लैंडिंग वाले स्थान पर आ रहे हैं, जिसको लेकर ज्यूरिख कंपनी के द्वारा इन पेड़ों को हटाने का अनुरोध किया जा रहा है।
बताया जा रहा है सभी पेड़ किसानों के हैं। किसानों को इन पेड़ों का अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। उन्होंने ज्यूरिख कंपनी से कहा है कि किसानों को इन पेड़ों का मुआवजा दे दिया जाए। इसके बाद वन विभाग से इन पेड़ों को यहां से हटवा दिया। किसानों का करीब 58 लाख रुपए बकाया है। यमुना प्राधिकरण की तरफ से यह भी बताया गया कि इन पेड़ों के हटाने की एवज में 10 गुना पौधे लगाए जाएंगे, यानी की 600 पेड़ हटाए जाएंगे तो उसकी एवज में करीब 6 हजार पौधे यमुना प्राधिकरण लगाएगा। उन्होंने बताया कि यह पेड़ किसानों के खेतों में थे जोकि पॉपुलर व अन्य के थे।