Report By; Fazil Khan (Lucknow UP)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ ने विभिन्न मंत्रालय में डायरेक्ट बोर्ड मे चेयरमैन,सरकारी विभागों में नौकरी, विद्यालयों में फंड दिलाने व ट्रांसफर पोस्टिंग करने का झांसा देकर करोड़ों रूपों की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित पांच लोगों की टीम को यूपीएसटीएफ ने सुशांत गोल्फ सिटी अंसल एपीआई लखनऊ से किया गिरफ्तार।
बता दे की तमाम सरकारी विभागों मे ट्रांसफर पोस्टिंग करने का झांसा देकर ठगी करने वाले संगठित ग्रहण के संबंध में सूचना मिलने पर एसटीएफ निरीक्षक संजय सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ टीम द्वारा तकनीकी आधार पर छानबीन शुरू कर दी गयी। इस बीच 12.1.2024 को समय लगभग 4:30 बजे मुखबिर की सूचना पर लखनऊ के थाना सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर सेक्टर 14 मकान नंबर 579 सुशांत गोल सिटी अंसल एपीआई लखनऊ से संगठित ग्रह के मास्टरमाइंड समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार मास्टरमाइंड कानपुर नगर कल्याणपुर का रहने वाला है। जिसका नाम विकास यादव बताया जा रहा है जनपद हाथरस के आशीष भारद्वाज जनपद बलिया के गगन पांडे जिला मऊ के निवासी नवीन कुमार राय, अमित तिवारी निवासी श्रवण टकड़ा थाना असंदरा जनपद बाराबंकी के रहने वाले बताए गए हैं। इनके पास तमाम कूटरचित दस्तावेज एवं मोहरे समेत अन्य कागज और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद हुआ है।
एसटीएफ के मुताबिक पूछताछ में मास्टरमाइंड विकास यादव ने बताया कि, वह RMSS का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। उसकी संस्था में अमित तिवारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है यह संस्था उनके लोगों पर प्रभाव दिखाने के लिए बनाई थी। इस गिरोह के सदस्य गगन पांडे का परिचय विशेष सचिव मुख्यमंत्री के रूप में लोगों में कराते थे। वर्ष 2020 में इन लोगों द्वारा भारतीय रेलवे में ग्रुप सी, डी, में भर्ती करने का झांसा देकर लगभग 20 लड़कों से दो करोड रुपए लेकर फर्जी तरीके से फॉर्म भरकर उनका मेडिकल कराकर कूट रचित नियुक्ति पत्र दिया गया उस समय गिरोह में सुमन सिंह व विजय सिंह भी शामिल थे। एक अभ्यर्थी द्वारा फ्रेंड्स कॉलोनी जनपद इटावा मु0अ0सं0 115/2020 पंजीकृत भी कराया गया था। इन लोगों द्वारा मंडी परिषद, एटीएस, आरो, यूपीपीसीएल, गन्ना संस्थान, दुग्ध विभाग, रेवेन्यू बोर्ड, कंप्यूटर ऑपरेटर, एफसीआई, आदि विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ो बेरोजगार युवक युवतियों से व विभिन्न लोगों से मंत्रालय में डायरेक्ट बनवाने एनजीओ व विद्यालयों को फंड दिलाने के नाम पर करोड़ रूपों की ठगी की गई है।