Report By : Himanshu Garg (ICN Network)
कुछ ही घंटों बाद वो पल आ जाएगा जिसका भारत के हर एक नागरिक हो बेसब्री से इंतजार है। मतलब ये कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। देशभर में इसको लेकर तैयारियां हो रही हैं। लेकिन इस मुद्दे को लेकर राजनीति अभी तक खत्म नहीं हुई है। विपक्ष ने जहां इस समारोह से दूरी बनाने का फैसला किया है तो वहीं सत्तापक्ष यानि बीजेपी लगातार विपक्षी दलों पर निशाना साधे हुए है। इसी क्रम में अब केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि तमिलनाडु सरकार ने राम मंदिर उद्धाटन समारोह के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी है।
वित्त मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा…
‘तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी को राम मंदिर से जुड़े कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण को देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिलनाडु में श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं। तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HR&CE) द्वारा प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की अनुमति नहीं है। पुलिस निजी तौर पर संचालित मंदिरों को भी कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। वे आयोजकों को धमकी दे रहे हैं कि वे पंडाल तोड़ देंगे। इस हिंदू विरोधी, घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं।’
आगे उन्होंने लिखा कि ‘तमिलनाडु के कई हिस्सों में दिल दहला देने वाले और विचित्र दृश्य देखने को मिल रहे हैं। लोगों को भजन आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयां बांटने, ख़ुशी मनाने से रोका जा रहा है और धमकाया जा रहा है, जबकि वे सब माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करते देखना चाहते हैं। केबल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली बंद होने की संभावना है। यह I.N.D.I गठबंधन के प्रमुख साथी DMK का हिंदू विरोधी कदम है।’
वित्त निर्मला सीतारमण ने आगे ये भी लिखा कि तमिलनाडु सरकार लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है। अयोध्या फैसले के दिन कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं थी। यह समस्या उस दिन भी नहीं थी जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तमिलनाडु में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाने के लिए लोगों में उमड़ी भावना ने हिंदू विरोधी DMK सरकार को बेहद परेशान कर दिया है।’