Report By : ICN Network
ज्ञानवापी फैसला पूजा की अनुमति का आया तो हिंदू पक्ष ने खुशियां मनाईं। लेकिन बनारस प्रशासन और न्यासा कमेटी के लोगों ने रात 11 बजे मंदिर में पूजा अर्चना भी की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कानपुर में मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि जिस तरह से दोपहर में कोर्ट का फैसला आना और उसके बाद रात में जिला प्रशासन के साथ न्यास कमेटी के द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना करना। यह कृत बिल्कुल उसी तरह से हो रहा है जैसे की बाबरी मस्जिद के समय 1949 में हुआ था। उस समय भी प्रशासन ने मिलकर मूर्ति रखवाई और पूजा करवाई थी। उन्होंने यह भी कहा की रात में यह सब इसलिए किया गया कि अगले दिन मुस्लिम पक्ष कोर्ट में जाकर अर्जी दाखिल कर देगा और कहीं रोक ना लगा दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और देश की जनता को उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा यकीन है। लेकिन जिस तरह से रात में पूजा अर्चना की गई है ।यह दर्शाता है कि सत्ता में बैठे लोगों का हस्तक्षेप भी इस पूरे प्रकरण में रहा है। विशेष धर्म समुदाय के लोगों को निशाना बनाने का काम किया जा रहा है।