Report By : ICN Network TANYA VERMA Saharanpur (UP)
क्या कभी देश में किसी ऐसे गांव के बारे में आपने सुना है। जहां के लोग नशा ना करते हो या फिर 500 सौ साल पहले जो संकल्प गांव वालों ने दिया था। उसे आज भी पूरा कर रहे हैं देश का ऐसा गांव जहां कोई भी व्यक्ति नशा नहीं करता। यहां तक उनके घरों में खाना भी शुद्ध शाकाहारी बनाया जाता है ।जिसमें प्याज लहसुन का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता।
सहारनपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर देवबंद क्षेत्र का गांव मिरगपुर जिसकी आबादी लगभग दस हजार है ।रिकार्ड में दर्ज है कि यह गांव पूरी तरह से नशा मुक्त है। इस गांव में मांसाहारी भोजन भी नहीं बनता है। इस गांव के लोग भोजन मे लहसुन–प्याज़ का प्रयोग भी नहीं करते हैं। है ना अपने आप में ये अनोखा गांव। आइए जानते है की कैसे है यहां के लोग …
गांव के लोगो का कहना है कि आज से लगभग 550 वर्ष पूर्व इस गांव में बाबा फकीरा दास आए थे। बाबा ने शिक्षा दी थी कि गांव में नशे की कोई भी वस्तु का प्रयोग ना करना। साथ ही तामसिक भोजन भी ना बने तभी यह गांव रह सकता है।तब से लोगों ने इसका पालन किया और आज यह गांव सहारनपुर में ही नहीं शायद पूरे भारत में एक ऐसा गांव है जहां पर नशे की किसी वस्तु का प्रयोग नहीं किया जाता। गांव का कोई व्यक्ति बीड़ी सिगरेट शराब आदि। नशे की वस्तुओं को छूता तक नहीं है। गांव में मांस मछली एवं प्याज लहसुन का भी प्रयोग नहीं किया जाता। गांव में दुकानों पर भी नशे की कोई चीज नहीं बिकती सहारनपुर का यह गांव अपने आप में एक नई मिसाल है। गांव को नशा मुक्ति के लिए बहुत से अवार्ड भी मिले हैं। गांव का नाम लिम्का रिकार्ड बुक में भी दर्ज है। लोगों का कहना है कि हमारे ऊपर गुरु जी का आशीर्वाद है कि हमारे गांव का कोई भी व्यक्ति नशा नहीं करता युवा भी नशे से दूर रहते हैं चाहे कोई गांव में रहता हो या फिर कहीं बाहर वह भी इस बात का पूर्ण ध्यान रखता है कि गलती से भी नशा ना हो और ना ही तामसिक भोजन का प्रयोग हो। गांव वासियों ने सभी देशवासियों से नशे से दूर रहने की भी अपील की है।