Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
नोएडा में प्राधिकरण की वादाखिलाफी से परेशान किसान एक बार फिर से नोएडा की सड़क पर उतरने को तैयारी कर रहे हैं। 3 जुलाई को भारतीय किसान परिषद, किसान सभा और जय जवान जय किसान के संयुक्त मोर्चा ने जिलाधिकारी का घेराव करने का ऐलान किया है। वहीं 8 जुलाई को भारतीय किसान यूनियन प्राधिकरण का घेराव करेगा।
नोएडा को 81 गांव की जमीनों पर बसाया गया है। 1997 से 2014 के बीच जमीनें अधिग्रहित हुईं। इस दौरान 16 गांव के किसानों को मुआवजा और 5 प्रतिशत विकसित प्लॉट दिए गए। बाकी गांव के किसान हाईकोर्ट चले गए। उन्होंने मुआवजा और विकसित प्लॉट देने की प्रक्रिया को चुनौती दी।कोर्ट में नोएडा प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिनियम 1984 के प्रावधान के मुताबिक 16 गांव की 19 अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई। इस चुनौती पर हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2011 को किसानों को 64.70 प्रतिशत की दर से मुआवजा और उनकी जमीन जितना 10 प्रतिशत प्लाट आबादी में देने का आदेश दिया।
बाद में इस आदेश के विरोध में भी कुछ किसान कोर्ट गए। इसमें ऐसे किसान थे जिनकी याचिका खारिज कर दी गई या जो कोर्ट नहीं गए।
कोर्ट के आदेश के बाद प्राधिकरण ने 191 वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया कि आबादी में 10 प्रतिशत प्लाट या इसके क्षेत्रफल के बराबर मुआवजा दिया जाए। इसमें सिर्फ उन्हीं किसानों को शामिल किया गया, जो हाईकोर्ट के 21 अक्टूबर 2011 के आदेश में शामिल थे।