बागपत के छात्र जितेंद्र, जिसने दिल्ली में संसद के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की थी, की शुक्रवार को मौत हो गई। बुधवार को जितेंद्र ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी, जिससे वह 95% तक जल गया था। उसे तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर हालत के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी जितेंद्र के परिवार और रिश्तेदारों में गहरा शोक है। बागपत में उसके भाई ने आरोप लगाया कि वे छोटी जाति से होने के कारण उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी शिकायतों और समस्याओं को नजरअंदाज किया, जिसके चलते जितेंद्र को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा यह घटना प्रशासनिक उदासीनता और सामाजिक असमानता को उजागर करती है। परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि जितेंद्र के इस दर्दनाक कदम की जांच हो। इस आत्मदाह ने न केवल स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज में मौजूद गहरी जातीय असमानता को भी उजागर किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है
संसद के सामने आत्मदाह करने वाले छात्र की मौत, भाई ने जातीय भेदभाव का आरोप लगाया

बागपत के छात्र जितेंद्र, जिसने दिल्ली में संसद के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की थी, की शुक्रवार को मौत हो गई। बुधवार को जितेंद्र ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी, जिससे वह 95% तक जल गया था। उसे तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर हालत के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी जितेंद्र के परिवार और रिश्तेदारों में गहरा शोक है। बागपत में उसके भाई ने आरोप लगाया कि वे छोटी जाति से होने के कारण उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी शिकायतों और समस्याओं को नजरअंदाज किया, जिसके चलते जितेंद्र को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा यह घटना प्रशासनिक उदासीनता और सामाजिक असमानता को उजागर करती है। परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि जितेंद्र के इस दर्दनाक कदम की जांच हो। इस आत्मदाह ने न केवल स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज में मौजूद गहरी जातीय असमानता को भी उजागर किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है