मध्य प्रदेश की धरती से ताल्लुक रखने वाली एक्ट्रेस और प्रदेश की स्वीप आइकॉन, दिव्यंका त्रिपाठी, आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। हालांकि, वह इन दिनों डेली सोप्स में कम नजर आती हैं, लेकिन उनकी एक्टिंग का जादू अभी भी लोगों के दिलों में बना हुआ है। हाल ही में उन्होंने मतदान के महत्व पर बात की और महिलाओं की वोटिंग में बढ़ती भागीदारी को लेकर खुशी जाहिर की। दिव्यंका ने युवाओं को जागरूक करने के लिए कहा, “आपका वोट महत्वपूर्ण है, इसे व्यर्थ न जाने दें।” भोपाल में पहुंची दिव्यंका ने कहा, “मैं कई सालों से मध्य प्रदेश की स्टेट आइकॉन हूं और इलेक्शन कमीशन की एंबेसडर भी हूं। मुझे गर्व है कि मैं इस प्रदेश में पली-बढ़ी हूं। मेरा प्रयास है कि मैं युवाओं को यह समझा सकूं कि उनका मत महत्वपूर्ण है। हमें हमेशा सरकार से शिकायत होती है, लेकिन कभी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। इलेक्शन कमीशन ने शानदार प्रयास किए हैं, और इस बार महिला वोटर्स ने मेल वोटर्स से ज्यादा मतदान किया है।” इसके अलावा, दिव्यंका ने ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह ममता जी का व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने अपनी जिंदगी का यह रास्ता चुना है, जो उनका अधिकार है। हम नहीं जानते कि उन्होंने किन परिस्थितियों का सामना किया है, और वह जीवन के किस पड़ाव पर हैं। अगर मैं उनकी रिश्तेदार होती, तो शायद कुछ और कह सकती थी।” दिव्यंका त्रिपाठी का जन्म 14 दिसंबर 1984 को भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता नरेंद्र त्रिपाठी एक फार्मासिस्ट हैं और मां नीलम त्रिपाठी गृहणी हैं। दिव्यंका का परिवार बहुत ही साधारण है, जिसमें एक भाई पायलट हैं और एक बहन भी है। दिव्यंका को ‘बनूं मैं तेरी दुल्हन’ और ‘ये है मोहब्बतें’ जैसे टीवी शो से प्रसिद्धी मिली
ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर दिव्यंका त्रिपाठी ने कहा, “अगर मैं रिश्तेदार होती तो…”

मध्य प्रदेश की धरती से ताल्लुक रखने वाली एक्ट्रेस और प्रदेश की स्वीप आइकॉन, दिव्यंका त्रिपाठी, आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। हालांकि, वह इन दिनों डेली सोप्स में कम नजर आती हैं, लेकिन उनकी एक्टिंग का जादू अभी भी लोगों के दिलों में बना हुआ है। हाल ही में उन्होंने मतदान के महत्व पर बात की और महिलाओं की वोटिंग में बढ़ती भागीदारी को लेकर खुशी जाहिर की। दिव्यंका ने युवाओं को जागरूक करने के लिए कहा, “आपका वोट महत्वपूर्ण है, इसे व्यर्थ न जाने दें।” भोपाल में पहुंची दिव्यंका ने कहा, “मैं कई सालों से मध्य प्रदेश की स्टेट आइकॉन हूं और इलेक्शन कमीशन की एंबेसडर भी हूं। मुझे गर्व है कि मैं इस प्रदेश में पली-बढ़ी हूं। मेरा प्रयास है कि मैं युवाओं को यह समझा सकूं कि उनका मत महत्वपूर्ण है। हमें हमेशा सरकार से शिकायत होती है, लेकिन कभी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। इलेक्शन कमीशन ने शानदार प्रयास किए हैं, और इस बार महिला वोटर्स ने मेल वोटर्स से ज्यादा मतदान किया है।” इसके अलावा, दिव्यंका ने ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह ममता जी का व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने अपनी जिंदगी का यह रास्ता चुना है, जो उनका अधिकार है। हम नहीं जानते कि उन्होंने किन परिस्थितियों का सामना किया है, और वह जीवन के किस पड़ाव पर हैं। अगर मैं उनकी रिश्तेदार होती, तो शायद कुछ और कह सकती थी।” दिव्यंका त्रिपाठी का जन्म 14 दिसंबर 1984 को भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता नरेंद्र त्रिपाठी एक फार्मासिस्ट हैं और मां नीलम त्रिपाठी गृहणी हैं। दिव्यंका का परिवार बहुत ही साधारण है, जिसमें एक भाई पायलट हैं और एक बहन भी है। दिव्यंका को ‘बनूं मैं तेरी दुल्हन’ और ‘ये है मोहब्बतें’ जैसे टीवी शो से प्रसिद्धी मिली