Report By : ICN Network
राजस्थान में बीपीएड की फर्जी डिग्रियां पकड़े जाने के बाद अब आगरा में भी जेएस यूनिवर्सिटी की पीएचडी डिग्रियों में गड़बड़ी सामने आई है। जिला प्रशासन को संदेह है कि विवि द्वारा जारी की गई कई पीएचडी डिग्रियां फर्जी हो सकती हैं, जिसके चलते जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
फर्जी डिग्री घोटाले में जेएस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. सुकेश यादव को एसओजी राजस्थान की टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। वहीं, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा को शिकोहाबाद से पकड़ा गया। मामले में जयपुर के दलाल अजय भारद्वाज समेत अन्य आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।
शासन के निर्देश पर अब फिरोजाबाद जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की भूमि, बिल्डिंग और विकास प्राधिकरण से नक्शे की वैधता की भी जांच शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन विवि से संबंधित सभी दस्तावेजों की गहन समीक्षा कर रहा है।
उधर, आगरा एसटीएफ की टीम ने भी आगरा से जेएस यूनिवर्सिटी की पीएचडी की फर्जी डिग्री बरामद की। प्रशासनिक अधिकारियों को संदेह है कि यूनिवर्सिटी से बड़े पैमाने पर पीएचडी की डिग्रियां बांटी गई होंगी। यह भी शक है कि यूनिवर्सिटी की ओर से कई अन्य कोर्सेज की फर्जी डिग्रियां जारी की गई होंगी। इनमें पॉलीटेक्निक, बीटेक, डी-फार्मा, बीपीएड समेत अन्य कई कोर्स शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा चयन आयोग ने पूर्व में प्रदेश भर में 1600 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती निकाली थी। इसमें भी यूनिवर्सिटी की पीएचडी की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल कर अभ्यर्थियों की ओर से सरकारी नौकरी प्राप्त करने की आंशका है। इसकी जांच के लिए आगरा एसटीएफ की टीम कवायद में जुटी है।
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्तियों में ही नहीं बल्कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में भी सरकारी मानकों एवं नियमों की जमकर अनदेखी की गई है। आशंका है कि बिजनौर, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, आगरा समेत कई बड़े शहर ऐसे हैं, जिनमें आज भी लोग फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरियां कर रहे हैं। इनके कनेक्शन शिकोहाबाद एवं मैनपुरी के एक व्यक्ति से होने की आशंका है। जांच टीम इस एंगल पर भी जांच करने की तैयारी कर रही है।
फिरोजाबाद के जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि जेएस यूनिवर्सिटी की पीएचडी की डिग्री का मामला संज्ञान में आया है। यूनिवर्सिटी बंद थी। धीरे-धीरे अन्य विभागों से भी छात्र शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। कई अन्य कोर्सों के छात्र भी शिकायत लेकर आ रहे हैं। पीएचडी का मामला फिलहाल जांच में शामिल किया गया है। उसकी जांच शुरू हो गई है।
आगरा में पीएचडी की फर्जी डिग्री पकड़े जाने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम शनिवार को जेएस यूनिवर्सिटी पहुंची। टीम ने पीएचडी समेत अन्य कोर्सों से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की, जिसके बाद वह आगरा लौट गई।
दो दिन पहले आगरा के शाहगंज क्षेत्र के अजीतनगर मार्केट से आरोपी धनेश मिश्रा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उसके पास से जेएस यूनिवर्सिटी और अन्य विश्वविद्यालयों की कई फर्जी डिग्रियां बरामद हुईं। जांच में पता चला कि वह ई-मेल के जरिए यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्रियां मंगवाता था, जो कोरियर के माध्यम से भेजी जाती थीं।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले के सामने आने के बाद शनिवार दोपहर करीब 2 बजे एसटीएफ टीम इंस्पेक्टर हुकुम सिंह के नेतृत्व में जेएस यूनिवर्सिटी पहुंची। टीम ने विभिन्न कोर्सों से संबंधित दस्तावेजों की छानबीन की। जांच पूरी करने के बाद टीम आगरा लौट गई, लेकिन अभी कई अन्य पहलुओं की जांच जारी है।