Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश की सियासत में एक अहम मोड़ तब आया जब बहुजन समाज पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेता दद्दू प्रसाद ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया। यह कदम सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को और मजबूती देने वाला माना जा रहा है।
अखिलेश यादव लगातार प्रयास कर रहे हैं कि पार्टी की पहुंच दलित और पिछड़े वर्गों तक अधिक से अधिक हो, और ऐसे में दद्दू प्रसाद जैसे दलित चेहरे का सपा से जुड़ना रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। यह सपा के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरणों को नए सिरे से साधने का मौका हो सकता है।
सपा ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर ‘स्वाभिमान सम्मान समारोह’ का आयोजन कर दलित समुदाय को सीधे जोड़ने का प्रयास किया है। यह आयोजन पार्टी की अंबेडकर वाहिनी और एससी विंग द्वारा किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य समाज के वंचित वर्गों तक पहुंच बढ़ाना है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि दद्दू प्रसाद की सपा में एंट्री से पार्टी को दलित वोट बैंक में सेंध लगाने में मदद मिल सकती है, जो आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकता है।