आपको बता दें कि भारत में अंतिम जातीय जनगणना 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान कराई गई थी। 2021 में जनगणना की योजना थी, लेकिन कोविड महामारी के चलते यह टल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह निर्णय 140 करोड़ भारतीयों के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह जनगणना सरकारी योजनाओं और नौकरियों में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद करेगी। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकारें, विशेष रूप से कांग्रेस, केवल आश्वासन देती रहीं लेकिन कभी भी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया।
Noida News : ‘सरकार तुम्हारी सिस्टम हमारा…’ पैदल मार्च निकाल कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार को घेरा !

आपको बता दें कि भारत में अंतिम जातीय जनगणना 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान कराई गई थी। 2021 में जनगणना की योजना थी, लेकिन कोविड महामारी के चलते यह टल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह निर्णय 140 करोड़ भारतीयों के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह जनगणना सरकारी योजनाओं और नौकरियों में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद करेगी। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकारें, विशेष रूप से कांग्रेस, केवल आश्वासन देती रहीं लेकिन कभी भी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया।