बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले भी एयरपोर्ट में जमीन जाने के कारण कई गांव विस्थापित हो गए थे। उन गांवों में संचालित स्कूलों को दूसरी जगह पर चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आरएडंआर में तीन स्कूल चल रहे हैं। अब तीसरे चरण में थोरा, नीमका, ख्वाजपुर, रामनेर, किशोरपुर, बनवारीवास, पारोही, मुकीमपुर शिवारा, जेवर बांगर, साबौता, चौरोली, दयानतपुर, रोही आदि गांव के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए नए स्कूल की व्यवस्था की जाएगी, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित न हो सके।
आंकड़ों के अनुसार 14 गांव में के कुल 17,945 परिवार प्रभावित होंगे। प्रत्येक परिवार में चार से पांच सदस्य का औसत है। मसौदे में बताया गया कि 27,357 जनसंख्या प्रभावित होगी, जिनमें 51 प्रतिशत पुरुष व 49 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इन गांव के लोगों के लिए टाउनशिप विकसित की जाएगी। टाउनशिप में ही स्कूलों को निर्माण कराया जाएगा। जहां छात्रों को सभी हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी। नोएडा एयरपोर्ट आने के बाद जेवर के कई स्कूलों की सूरत बदल गई है। पहले कोई भी सीएसआर के तहत जेवर के स्कूलों में काम नहीं कराना चाहता था। एयरपोर्ट के कारण अब सीएसआर के तहत कंपनियों की पहली पसंद जेवर बन गया है। जनपद में पीएम श्री स्कूल में सबसे अधिक जेवर ब्लाक के चार स्कूलों का चयन हुआ है। यीडा शहर बसने पर छात्रों को पढ़ाई के लिए अच्छी सुविधाएं और शिक्षा मिल सकेगी।
जेवर ब्लॉक में स्कूलों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। पहले यहां कुल 113 स्कूल संचालित हो रहे थे, लेकिन छात्र संख्या कम होने के चलते करीब 20 स्कूलों का पहले ही विलय कर दिया गया है। अब नोएडा एयरपोर्ट के तीसरे चरण के तहत होने वाले विस्थापन में लगभग 13 और स्कूल बंद हो जाएंगे। इस विस्थापन प्रक्रिया के बाद ब्लॉक में स्कूलों की कुल संख्या घटकर करीब 80 रह जाएगी। जिन स्कूलों को विस्थापित किया जा रहा है, उन्हें एयरपोर्ट टाउनशिप क्षेत्र में नए सिरे से स्थापित किया जाएगा। इन नए स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि छात्रों की शिक्षा पर कोई असर न पड़े और उन्हें हाईटेक माहौल में पढ़ाई का अवसर मिल सके।