प्रदर्शनकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक परिवहन को लाभ का साधन नहीं, बल्कि जनता का मौलिक अधिकार माना जाना चाहिए। उन्होंने डिपो की जमीनों को निजी बिल्डरों को सौंपने की योजनाओं का भी सख्त विरोध किया और चेताया कि ऐसे कदम मुंबई के सार्वजनिक ढांचे को कमजोर कर देंगे। इस प्रदर्शन ने न केवल स्थानीय नागरिकों की आवाज़ बुलंद की, बल्कि सरकार को यह संदेश भी दिया कि जनता अब अपने आवागमन के अधिकारों से समझौता करने के मूड में नहीं है।
मुंबई में BEST के निजीकरण और बढ़े किराए के खिलाफ लोगों का विरोध, सार्वजनिक परिवहन को बताया मौलिक अधिकार

प्रदर्शनकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक परिवहन को लाभ का साधन नहीं, बल्कि जनता का मौलिक अधिकार माना जाना चाहिए। उन्होंने डिपो की जमीनों को निजी बिल्डरों को सौंपने की योजनाओं का भी सख्त विरोध किया और चेताया कि ऐसे कदम मुंबई के सार्वजनिक ढांचे को कमजोर कर देंगे। इस प्रदर्शन ने न केवल स्थानीय नागरिकों की आवाज़ बुलंद की, बल्कि सरकार को यह संदेश भी दिया कि जनता अब अपने आवागमन के अधिकारों से समझौता करने के मूड में नहीं है।