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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ी प्रगति, BKC-शिलफाटा टनल का पहला ब्रेकथ्रू सफल

Report By : ICN Network

देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना—मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR)—के निर्माण कार्य में एक अहम मील का पत्थर पार किया गया है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से लेकर शिलफाटा तक प्रस्तावित 21 किलोमीटर लंबी सुरंग में पहला ब्रेकथ्रू दर्ज किया गया है, जो इस मेगा प्रोजेक्ट के तेज़ी से आगे बढ़ने का संकेत है।

9 जुलाई को हुए इस सफल ब्रेकथ्रू के तहत 2.7 किलोमीटर लंबे निरंतर सुरंग खंड का निर्माण पूरा कर लिया गया है। यह परियोजना के भूमिगत खंड का पहला प्रमुख हिस्सा है, और यह उपलब्धि सुरंग निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

इस सुरंग का निर्माण दो तकनीकों के मिश्रण से किया जा रहा है—न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) और टनल बोरिंग मशीन (TBM)। शिलफाटा से घनसोली के बीच लगभग 5 किलोमीटर का हिस्सा NATM से बनाया जा रहा है, जबकि बचे हुए 16 किलोमीटर हिस्से में TBM तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सुरंग का एक विशेष हिस्सा 7 किलोमीटर लंबा अंडरसी सेगमेंट भी है, जो ठाणे क्रीक के नीचे से गुज़रेगा।

निर्माण को गति देने के लिए एक एडिशनल इंटरमीडिएट टनल (ADIT) भी बनाया गया है, जिससे दोनों ओर से खुदाई एक साथ की जा रही है। अब तक शिलफाटा की दिशा से लगभग 1.62 किलोमीटर की खुदाई पूरी हो चुकी है, जबकि NATM खंड की कुल प्रगति करीब 4.3 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है।

इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए साइट पर उन्नत सुरक्षा और निगरानी प्रणाली लागू की गई है। इसमें ग्राउंड सेटलमेंट मॉनिटरिंग, पीजोमीटर, इनक्लिनोमीटर, स्ट्रेन गेज, और बायोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल जैसे अत्याधुनिक उपकरण शामिल हैं। इन उपायों के ज़रिए आसपास की संरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है और सुरंग निर्माण नियंत्रित व सुरक्षित ढंग से किया जा रहा है।

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भारत में हाई-स्पीड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के युग की शुरुआत है, और यह ब्रेकथ्रू उसकी नींव को और मजबूत करता है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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