उत्तर प्रदेश सरकार शून्य गरीबी अभियान के तहत गरीब परिवारों को कौशल विकास प्रशिक्षण देगी। पहले चरण में 300 परिवारों के मुखिया को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें ऑफिस हाउसकीपिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा और 18400 रुपये मासिक वेतन पर नौकरी दिलाई जाएगी। एसबीआई और मेदांता जैसी कंपनियों ने नौकरी देने की प्रतिबद्धता जताई है। यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश कौशल विकास विभाग देगा।
सरकार ने जीरो पावर्टी अभियान के तहत प्रदेश में गरीबी को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक और कदम उठाया है। अभियान के तहत सरकार निर्धन चिह्नित परिवारों के सदस्य को कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए प्रशिक्षण देकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में रोजगार दिलाएगी, जिससे संबंधित परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और परिवार मुख्यधारा से जुड़ सकेगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जीरो पावर्टी अभियान सरकार की उन योजनाओं में से है, जो गरीबों को वास्तविक सशक्तिकरण की ओर ले जा रही है। सरकार का यह प्रयास भविष्य में पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकता है।
इसके तहत पहले चरण में 300 परिवार के मुखिया को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश कौशल विकास विभाग की ओर से दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी होगा।मुख्य सचिव ने बताया कि परिवार के मुखिया को 360 डिग्री फार्मूले के तहत संपूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें ऑफिस, टॉयलेट क्लीनिंग, गेस्ट अटेंडेंट, हाउसकीपिंग, हास्पिटैलिटी जैसे सात प्रकार के प्रशिक्षण शामिल हैं।
साथ ही उन्हें भाषा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद होटल ताज, स्टेट बैंक आफ इंडिया, एलएंडटी लिमिटेड, मेदांता, अडानी ग्रुप जैसी राष्ट्रीय और अंतरराष्टीय स्तर की कंपनियों में नौकरी दिलायी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रशिक्षित मुखिया को कम से कम 18,400 रुपये मासिक वेतन मिले। अब तक 40 बड़े उद्यमियों ने जीरो पावर्टी अभियान से जुड़े परिवारों को नौकरी देने की प्रतिबद्धता जताई है।