Report By: ICN Network
राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को कम करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव जल्द देखने को मिलेगा। 16 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) का उद्घाटन करेंगे। यह अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को सीधे जोड़ेगा, जिससे भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश किए बिना वैकल्पिक मार्ग मिलेगा और शहर के ट्रैफिक पर दबाव घटेगा। लगभग 76 किलोमीटर लंबे इस छह लेन वाले मुख्य मार्ग के साथ सर्विस रोड भी बनाई गई है, जो बवाना, नरेला, रोहिणी सेक्टर-37, कंझावला, बहादुरगढ़ बॉर्डर, नजफगढ़, द्वारका और महिपालपुर जैसे बाहरी क्षेत्रों को जोड़ती है। यह मार्ग दिल्ली-हरियाणा सीमा के साथ विकसित किया गया है, ताकि वाणिज्यिक और मालवाहक वाहन सीधे पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ सकें और राजधानी के भीतर से न गुजरें।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूईआर-2 के शुरू होने से रोजाना लगभग 50 हजार ट्रक दिल्ली के भीतर से होकर नहीं गुजरेंगे, जिससे जाम कम होगा और वायु प्रदूषण का स्तर घटेगा। हरियाणा, राजस्थान और यूपी की दिशा में जाने वाले यात्रियों को बिना दिल्ली में प्रवेश किए तेज और सुगम मार्ग मिलेगा, वहीं पश्चिमी और उत्तरी दिल्ली से आईजीआई एयरपोर्ट की दूरी भी काफी कम हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी निगरानी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आपातकालीन सहायता, हर 2-3 किलोमीटर पर एंबुलेंस और पेट्रोलिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी।
यह परियोजना न केवल बाहरी क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी देगी, बल्कि समय और ईंधन की भी बचत करेगी। औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव घटेगा। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से आने वाले और एयरपोर्ट, गुरुग्राम या जयपुर की ओर जाने वाले वाहनों को सिग्नल फ्री सफर का लाभ मिलेगा। लगभग 7,700 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह परियोजना तय समय से पहले पूरी हुई है। इसमें 27 फ्लाईओवर, दो रेल ओवर ब्रिज, 11 अंडरपास, 27 छोटे-बड़े पुल, 17 सबवे और 111 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड शामिल है। इसको दिल्ली की तीसरी रिंग रोड भी कहा जा रहा है।