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कानपुर के ग्रामीण इलाकों में बुखार का प्रकोप, बच्ची और बुजुर्ग की मौत से मचा हाहाकार

Report By: ICN Network

कानपुर के बिधनू क्षेत्र के नहर और नदी किनारे बसे लगभग डेढ़ दर्जन गांव इन दिनों बुखार, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों की चपेट में हैं। गांव-गांव में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पिछले हफ्ते एक बच्ची अक्षता और बुजुर्ग ओमकार की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और बीमारियों पर काबू पाने के लिए तीन विशेष टीमें गठित की गईं। ये टीमें अब रोज़ाना गांवों में शिविर लगाकर मरीजों की जांच और दवा वितरण का काम कर रही हैं।

शुक्रवार को जिलाधिकारी ने सफाई और स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने तहसीलदार को भेजा था, जबकि शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार और एसीएमओ डॉ. उदयभान सिंह खुद प्रभावित गांवों में पहुंचे। उन्होंने रुस्तमपुर, ढड़िया और पंचापुरवा में घर-घर जाकर मरीजों से बातचीत की और दवाओं के असर की जानकारी ली। इस दौरान फाइलेरिया की दवा मरीज को सीधे खिलाने के बजाय केवल बांटे जाने पर ज्वाइंट डायरेक्टर ने नाराज़गी जताई और जिम्मेदार एनएएम को फटकार लगाई। इसके अलावा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में एक्सपायरी दवाएं और किट मिलने पर एसीएमओ ने संबंधित सीएचओ को भी फटकार लगाई।

ग्रामीणों की शिकायत है कि बीमारियों की शुरुआत के बाद भी गांवों में समय पर डॉक्टरों की टीम नहीं पहुंची। खासतौर पर घारमपुर गांव में हालात चिंताजनक हैं, जहां करीब 70 लोग लगातार बुखार से पीड़ित हैं। मरीज इलाज के लिए खुद दूर-दराज के क्लीनिक और मेडिकल स्टोरों पर निर्भर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में नालियों का गंदा पानी सड़क पर फैला हुआ है और जगह-जगह कूड़े व गोबर के ढेर लगे हुए हैं। सफाईकर्मी महीनों से गांव में नहीं आए, जिसके कारण गंदगी और संक्रमण की स्थिति और गंभीर होती जा रही है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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