Navratri 2025Navratri 2025: आज, 22 सितंबर से नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है, और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की भक्ति में पूरा देश रम गया है। दिल्ली और एनसीआर में मातारानी की आराधना का उत्साह चरम पर है, जहां भक्तिमय माहौल और श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ मां की महिमा का गान कर रही है। मंदिरों में विशेष श्रृंगार, भजन-कीर्तन और भंडारों की रौनक से परिसर भक्ति की लहरों से सराबोर हैं। दूर-दूर से आए भक्त मां के चरणों में अपनी मनोकामनाएं अर्पित कर आशीर्वाद की याचना कर रहे हैं। आइए, आपको दिल्ली-एनसीआर के उन पावन शक्ति पीठों की यात्रा पर ले चलें, जहां नवरात्रि में भक्तों का सैलाब उमड़ता है और मां की कृपा की अनुभूति हर दिल को छू लेती है।
झंडेवालान मंदिर: आस्था का प्राचीन आलम
करोल बाग में विराजमान झंडेवाली माता का मंदिर दिल्ली के सबसे प्राचीन और पूजनीय शक्ति पीठों में से एक है। नवरात्रि के दौरान यह मंदिर भक्तों की अटूट श्रद्धा का केंद्र बन जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से झंडा चढ़ाने पर मां हर मनोरथ सिद्ध करती हैं। मंदिर के कपाट सुबह 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक भक्तों के लिए खुले रहते हैं। ब्लू लाइन का झंडेवाला मेट्रो स्टेशन इस पवित्र धाम तक पहुंचने का सबसे सुगम रास्ता है।
कालकाजी मंदिर: महाभारत काल की पौराणिक गाथा
दक्षिण दिल्ली के नेहरू प्लेस में बसा कालकाजी मंदिर महाभारत काल से जुड़ा एक ऐतिहासिक शक्ति पीठ है। कहते हैं, पांडवों ने यहीं मां काली का आशीर्वाद मांगा था, जिसने उनकी विजय सुनिश्चित की। भक्तों का विश्वास है कि मां कालका के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। वायलेट लाइन का कालकाजी मेट्रो स्टेशन इस मंदिर तक पहुंचने का सबसे आसान साधन है, जबकि नेहरू प्लेस बस स्टॉप से मात्र 10 मिनट की पैदल दूरी पर यह पावन स्थल है।
छत्तरपुर मंदिर: मां कात्यायनी का अलौकिक धाम
छत्तरपुर का मंदिर भारत के विशालतम मंदिर परिसरों में शुमार है, जहां नवरात्रि में मां कात्यायनी का दक्षिण भारत से मंगाए गए फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाता है। इस दौरान मंदिर का दृश्य अलौकिक और मनमोहक होता है। छत्तरपुर मेट्रो स्टेशन से ऑटो या रिक्शा के जरिए आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। डीटीसी बसें, कैब या निजी वाहन भी इस पवित्र स्थल तक की यात्रा को सुगम बनाते हैं।
संतोषी माता मंदिर: सौ साल पुरानी भक्ति परंपरा
पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर में स्थित संतोषी माता मंदिर की आध्यात्मिक परंपरा लगभग एक सदी पुरानी है। नवरात्रि में यहां अखंड ज्योत के दर्शन और पीपल के पेड़ पर चुनरी बांधने की रस्म भक्तों की आस्था को और गहरा करती है। मान्यता है कि मां संतोषी सच्चे मन की हर पुकार सुनती हैं। मन्नत पूरी होने पर भक्त चुनरी खोलकर माता का आभार प्रकट करते हैं। जनकपुरी ईस्ट मेट्रो स्टेशन से ऑटो या रिक्शा के जरिए इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
शीतला माता मंदिर: रोगों से मुक्ति का आशीर्वाद
गुरुग्राम का शीतला माता मंदिर नवरात्रि में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। मान्यता है कि मां शीतला के दर्शन से चेचक, खसरा और नेत्र रोग जैसे कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मां की कृपा से हर रोग का निवारण संभव है। हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से केवल 15 मिनट की दूरी पर यह पावन धाम स्थित है, जहां भक्तों का तांता लगा रहता है।