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ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश में अनुसंधान को मजबूत करने का लक्ष्य

स्प्रिंगर नेचर का इंडिया रिसर्च टूर 2025 ग्रेटर नोएडा पहुँचा, उत्तर प्रदेश में अनुसंधान को मजबूत करने का लक्ष्य

ग्रेटर नोएडा: स्प्रिंगर नेचर का इंडिया रिसर्च टूर 2025, जिसे इस सप्ताह की शुरुआत में इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था, अब ग्रेटर नोएडा पहुँच चुका है। यह दौरा देशभर में अपने अभियान का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

इंडिया रिसर्च टूर 2025, स्प्रिंगर नेचर की एक राष्ट्रीय पहल है, जो शिक्षा मंत्रालय और ICSSR के सहयोग से चल रही है। यह 6 अक्टूबर से 13 नवंबर 2025 के बीच 7 राज्यों के 15 शहरों में 29 संस्थानों का दौरा करेगा। इस दौरान शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों से मिलकर ओपन एक्सेस और ओपन साइंस को बढ़ावा देना, शोध की सत्यनिष्ठा मजबूत करना, ई-बुक अपनाना, एडिटोरियल बोर्ड की भर्ती को सपोर्ट करना और शोध में विविधता व समावेशन बढ़ाना जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे।

टीम ने बेनेट यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी और जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों से मुलाकात की। ग्रेटर नोएडा से यह दौरा अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ओर बढ़ेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, स्प्रिंगर नेचर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा, “ग्रेटर नोएडा इस बात का उदाहरण है कि कैसे शिक्षा, अनुसंधान और इंडस्ट्री मिलकर भारत के भविष्य को आकार दे सकते हैं। चूंकि यह क्षेत्र ज्ञान सृजन और विनिर्माण ( मैन्युफैक्चरिंग ) उत्कृष्टता, दोनों को बढ़ावा देता है, इसलिए यहाँ का रिसर्च इकोसिस्टम भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इंडिया रिसर्च टूर के माध्यम से, हमारा उद्देश्य ग्रेटर नोएडा और देश भर के संस्थानों को ओपन साइंस को आगे बढ़ाने, अनुसंधान अखंडता को बढ़ावा देने और शोधकर्ताओं को राष्ट्रीय विकास में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाने में सहायता करना है।”

ग्रेटर नोएडा तेजी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बन गया है, जहाँ कई वैश्विक रूप से जुड़े विश्वविद्यालय और संस्थान मौजूद हैं। इस क्षेत्र में होने वाला अनुसंधान न केवल उत्तर प्रदेश के समग्र विकास में मदद करेगा, बल्कि 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

नोएडा–ग्रेटर नोएडा–यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक क्षेत्र के केंद्र में स्थित यह क्षेत्र भारत के विनिर्माण क्षेत्र का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। विश्वविद्यालयों के बीच अनुसंधान सहयोग और ज्ञान साझा करने से इन नवाचारों के जरिए न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाया जा सकता है, औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है और तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूत किया जा सकता है।

स्प्रिंगर नेचर के बारे में:
स्प्रिंगर नेचर दुनिया के प्रमुख शोध प्रकाशकों में से एक है। हम सबसे बड़ी संख्या में जर्नल और किताबें प्रकाशित करते हैं और ओपन रिसर्च में अग्रणी हैं। अपने प्रमुख ब्रांड्स के माध्यम से, जो 180 से अधिक वर्षों से भरोसेमंद हैं, हम तकनीक-सक्षम उत्पाद, प्लेटफॉर्म और सेवाएँ प्रदान करते हैं जो शोधकर्ताओं को नए विचार खोजने और अपनी खोजें साझा करने में मदद करती हैं, स्वास्थ्य पेशेवरों को चिकित्सा विज्ञान के अग्रिम पायदान पर बने रहने में सहयोग करती हैं, और शिक्षकों को शिक्षा को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाती हैं। हमें गर्व है कि हम प्रगति का हिस्सा हैं, अपने सेवा किए जाने वाले समुदायों के साथ मिलकर ज्ञान साझा करने और दुनिया में समझ बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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