एनडीएमसी ने इस बार 50 हजार ट्यूलिप बल्ब स्थानीय रूप से विकसित किए हैं, जिनमें से 29 हजार बल्ब लोधी गार्डन के विशेष कक्ष में विकसित किए गए हैं। शेष 21,000 बल्ब हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित आईएचबीटी-सीएसआईआर से आए हैं।
नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) इस सर्दी में अपने क्षेत्र में पांच लाख से अधिक ट्यूलिप लगाएगी। पिछले वर्षों की तुलना में यह सबसे बड़ी संख्या है। वहीं उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने लोधी गार्डन स्थित एनडीएमसी के ट्यूलिप विकास एवं भंडारण कक्ष का दौरा किया और आगामी सीजन के लिए संग्रहित बल्बों का निरीक्षण किया।एनडीएमसी ने इस बार 50 हजार ट्यूलिप बल्ब स्थानीय रूप से विकसित किए हैं, जिनमें से 29 हजार बल्ब लोधी गार्डन के विशेष कक्ष में विकसित किए गए हैं।
शेष 21,000 बल्ब हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित आईएचबीटी-सीएसआईआर से आए हैं, जिन्हें पहले दिल्ली में काटा गया था। उपराज्यपाल ने स्थानीय स्तर पर ट्यूलिप उगाने के प्रयासों की सराहना करते हुए उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में अधिकारियों से चर्चा की।2017-18 में 17 हजार बल्बों से शुरू हुआ सिलसिलाएनडीएमसी क्षेत्र में ट्यूलिप लगाने का इतिहास 2017-18 में 17 हजार बल्बों से शुरू हुआ। उसके बाद 2022 में 1.30 लाख, 2023 में दो लाख और 2024 में 3.25 लाख ट्यूलिप लगाए गए।
इस वर्ष शांति पथ लॉन, गोलचक्कर, मंडी हाउस गोलचक्कर, पुराने वीपी हाउस गोलचक्कर, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन सहित कई प्रमुख स्थानों पर ये ट्यूलिप खिले होंगे। एनडीएमसी और डीडीए मिलकर 5.17 लाख बल्ब लगाने की योजना बना रहे हैं।हर बसंत में आयोजित नई दिल्ली ट्यूलिप उत्सव शहर को रंग-बिरंगी छटा में सजाता है। शांति पथ इसका मुख्य केंद्र है, जबकि लोधी गार्डन, नेहरू पार्क, मंडी हाउस और विंडसर प्लेस में भी इसकी भव्यता देखी जा सकती है। एनडीएमसी ने उत्सव को निःशुल्क प्रवेश के साथ सुलभ बनाया है और पहली बा.र गमलों में लगे ट्यूलिप बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराए हैं।