डीजीपी ने बताया कि छोटी राशियों के फ्रीज होने पर पीड़ितों को आर्थिक राहत तेजी से उपलब्ध करवाने के लिए पुलिस लोक अदालत की मदद लेगी, ताकि उन्हें बिना देरी रकम की वापसी मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी साइबर ठगी में बैंक की ओर से लापरवाही सामने आती है, तो पीड़ित को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का दायित्व बैंक पर रहेगा। यह पीड़ितों के अधिकारों की एक महत्वपूर्ण सुरक्षा है। सतर्क रहेंगे तो साइबर ठगों का शिकार नहीं होंगे
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अधिकांश साइबर अपराध भय और लालच का लाभ उठाकर किए जाते हैं। कोई व्यक्ति आपको कमाई, इनाम, डर या किसी भी प्रकार के दबाव में रुपये भेजने को कहे तो समझ लें कि आप साइबर ठग के निशाने पर हैं। सावधानी ही सुरक्षा है। ऐसे में सतर्क रहेंगें तो साइबर ठगों का शिकार नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक, एप या प्रस्ताव पर तुरंत सतर्क हों और आवश्यकता पड़ने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज करवाएं।

