• Thu. Nov 21st, 2024

ऐसा गांव जहां आज भी बीमार लोगों के लिए ‘बैलगाड़ी’ ही बनती है एंबुलेंस का सहारा

Report By : Umesh Chandra Fatehpur (UP)

आजादी के इतने सालों बाद भी उत्तर प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं, जो बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। सड़क न होने की वजह से ग्रामीणों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक ले जाने के लिए खाट या बैलगाड़ी सहारा बनता है।

ये तस्वीरें उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले स्थित यमुना कटरी क्षेत्र के नगर पंचायत असोथर के एक गांव की है। घर का एक लड़का बीमार है। जो कि एक वर्ष पहले छत से गिरकर घायल हो गया था। जिसको कमर में गंभीर चोटें आईं थीं। तभी से वह बिस्तर पर ही है।जिसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल तक ले जाने के लिए गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती है। क्योंकि यहां तक सड़क नहीं बनी है। ऐसे में फतेहपुर जिले की सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत नगर पंचायत असोथर के सीर गांव के ग्रामीणों की जान बारिश के समय अफयत में आ जाती है। गांव की दुर्दशा देख ग्रामीण भगवान से यहीं कामना करते हैं कि बीमार न पड़ें। ग्रामीण गांव से किसी बीमार मरीज को खटिया पर टांग कर अस्पताल तक ले जाते हैं। एक मरीज को शहर ले जाने के लिए 4 आदमी की जरूरत पड़ती है। नेताओं और अफसरों तक ग्रामीणों ने सड़क को लेकर कई बार शिकायत किया लेकिन जिम्मेदारों के कानों में जूं नहीं रेंगी।

खाट/बैलगाड़ी पर सिस्टम

फतेहपुर के सदर तहसील क्षेत्र अंतर्गत असोथर नगर पंचायत के सीर गांव से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां सरकारी सिस्टम खाट/बैलगाड़ी पर लेटा हुआ है। वहीं सड़क न होने की वजह से ग्रामीण परेशान हैं। हर दिन इस गांव के लोगों को समस्याओं से दो-चार होनी पड़ती है। लेकिन सुनने को कोई तैयार नहीं है। मजबूरन इस गांव के लोग अब भगवान से यहीं कामना करते हैं कि हम बीमार न पड़ें। खास कर बारिश के दिनों में इनकी परेशानी और बढ़ जाती है।

विकास के दावों को झूठला रही है तस्वीर

फतेहपुर लोकसभा व अयाह शाह विधानसभा में विकास और सड़क को लेकर हर रोज नए-नए दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में फतेहपुर जिले के असोथर नगर के सीर गांव की ये तस्वीर सरकारी दावों की कलई खोल रही है। बरसात में गांव की हालत ऐसी हो जाती है कि गाड़ी तो दूर, यहां से पैदल निकलना भी मुश्किल है। ये हालत सिर्फ सीर गांव की ही नहीं जिले के यमुना कटरी क्षेत्र के अधिकांश गांवों की तस्वीर कुछ ऐसी ही है।

बीमार मरीजों को ‘बैलगाड़ी एंबुलेंस’ का सहारा

इस गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। गांव की एक युवक बीमार है। उसके परिवार के लोग उसे बैलगाड़ी पर रख कर अस्पताल ले जा रहे हैं। ऊबड़ खाबड़ रास्ते को पार कर मरीज को अस्तपाल ले जा रहे परिवार के लोगों को हमेशा डर बना रहता है कि देर होने पर कभी अपने घर के परिजनों को न खो दें। और बारिश के मौसम में खाट या कांवड़ पर लेकर जाते समय फैर फिसलने पर खुद भी गिर सकते हैं। परिवार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।परिवार के लोगों का कहना है कि सड़क नहीं होने की वजह से गांव तक एंबुलेंस नहीं आती है।

ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ एक दिन की स्थिति नहीं है। गांव के लोग बीमार लोगों को मेन रोड तक ले जाने के लिए आए दिन ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करते हैं। बारिश के दिनों में गांव की सड़क दलदल में तब्दील हो जाता है।

आजादी से लेकर नहीं है सड़क

गांव के गोविंद, मुन्ना, सुखराम, अनिल, सतेंद्र बताते हैं कि आजादी से लेकर अब तक इस गांव में कोई सड़क नहीं बनी है। जो कच्चा रास्ता है वह भी चलने लायक नहीं है। चुनावी मौसम में नेता आकर वायदा करते हैं, लेकिन उस पर कभी अमल नहीं हुआ है। गांव के लोग आज भी अपनी बदहाली पर रोना रो रहे हैं। बच्चे हल्की बारिश में भी कपड़े उतारकर और गिरते पड़ते स्कूल जाते हैं। ज्यादा बारिश में जलभराव होने के कारण बच्चों का स्कूल जाना भी बंद हो जाता है।

बारिश के मौसम में गांव के लोगों की जिंदगी नरक जैसी हो जाती है।

विकास को तरसते गांव के विधायक हैं विकास गुप्ता

फतेहपुर जिले के अयाह शाह विधान सभा विधायक विकास गुप्ता के क्षेत्र के ग्रामीण कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की तबीयत रात में बिगड़ गई तो मुश्किल और बढ़ जाती है। क्योंकि रात के समय में लोग सोते रहते हैं। गांव से खाट, कांवड़ या बैलगाड़ी पर लाद कर बाहर ले जाने के लिए लोगों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में लोगों को मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए पहले लोगों को इकट्ठा करना पड़ता है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *