Report By : ICN Network
नोएडा के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने फ्लैट रजिस्ट्री में देरी करने वाले बिल्डरों को 15 दिनों के भीतर लंबित रजिस्ट्रेशन पूर्ण करने का निर्देश दिया है। यह आदेश 31 मई 2025 तक लागू रहेगा, जिसके बाद उल्लंघन करने वालों पर भारतीय स्टांप अधिनियम और रेरा अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्णय नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्रों के बिल्डरों के साथ हुई समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया। बैठक में यह पाया गया कि कई बिल्डरों ने परियोजनाएं पूरी होने के बावजूद फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं की है, जिससे खरीदारों को परेशानी हो रही है।
प्रशासन ने 95 बिल्डरों को नोटिस जारी किए हैं, जिनमें 30 नोएडा और 65 ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र से हैं। जिन परियोजनाओं को ऑक्यूपेंसी-कम-कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (OCCC) और सब-लीज अनुमति 9 मई या उससे पहले प्राप्त हो चुकी है, उनकी रजिस्ट्री तुरंत पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में प्रमुख बिल्डर समूहों जैसे ATS, महागुन, देविका गोल्ड होम्स, अरिहंत इंफ्रा और विहान ग्रीन्स के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कुछ बिल्डरों की अनुपस्थिति पर भी प्रशासन ने संज्ञान लिया है और आवश्यक कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
प्रशासन ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए रजिस्ट्री कैंप आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि खरीदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अतिरिक्त, उप-पंजीयकों को निर्देशित किया गया है कि वे बिल्डरों या फ्लैट मालिकों द्वारा उठाए गए किसी भी मुद्दे को तुरंत हल करें।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में नोएडा स्टांप विभाग ने 18,405 फ्लैटों की रजिस्ट्री की है, जबकि 2023-24 में यह संख्या 15,527 थी।