अदिति यादव.. डिंपल और अखिलेश यादव की सबसे बड़ी बेटी। 21 साल की हैं और लंदन में ‘अंतरराष्ट्रीय राजनीति’ की पढ़ाई कर रही हैं। 60 दिन की छुट्टी लेकर लंदन से घर आईं और मां डिंपल यादव का इलेक्शन कैंपेन संभाल रही हैं। इसबीच वो अब कैंपेन में अकेले ही निकल पड़ी हैं ।
प्रचार के दौरान कई महिलाएं उनके पैर छूने लगती। अदिति झुककर धीरे से कंधा पकड़ती और उन्हें ऊपर कर देती हैं। गली-मोहल्ले में खेलने वाले बच्चों से मिलती तो उनके कंधे और सिर पर हाथ रखकर आगे बढ़ जाती। कई बार सड़क पर बैठकर लोगों से बातचीत करने लगती। आशीर्वाद देने के लिए लोग हाथ उठाते, तो सिर झुका देती हैं। पोती तो कोई नातिन कहकर बुलाता। कोई उन्हें नेताजी की
अदिति 20 मार्च को पहली बार मां डिंपल के साथ चुनाव कार्यक्रम में नजर आईं। इसके बाद कई बार वह मां के साथ चुनावी कार्यक्रम में दिखीं। मकसद था, लोगों से मिलने और बात करने का सलीका सीखना।
करीब महीनेभर की ट्रेनिंग के बाद 16 अप्रैल से अदिति मां से अलग होकर अकेले चुनाव प्रचार करने लगीं। वह छोटी-छोटी सभाएं कर रही हैं, इसे नुक्कड़ सभाएं भी कह सकते हैं। सभा में 4 से 5 मिनट तक स्पीच देती हैं।
अदिति ने स्पीच देते हुए कहा मैं यहां आप लोगों से मिलने आई हूं। आशीर्वाद लेने आई हूं। मैनपुरी मेरा घर है और आप सब मेरे परिवार के सदस्य। मैं जहां भी जा रही हूं बेटी की तरह प्यार मिल रहा है। हमारी बुजुर्ग माताएं तो पैर तक छू लेती हैं, क्योंकि वो बेटियों को देवी मानती हैं। सभी लोग इतने अपनेपन से मिलते हैं, ऐसा लगता है कि मैं अपने घर में ही हूं। इस अपनेपन के लिए आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद।…
पूरे आत्मविश्वास के साथ लोगों से वोट की अपील करती हैं। मां और पिता की तरह आम लोगों के बीच बिल्कुल सहज दिखाई देती हैं।
लोकसभा चुनाव की वोटिंग डेट सामने आने के बाद 20 मार्च को मैनपुरी के सुल्तानगंज में एक कार्यक्रम में पहली बार चुनाव प्रचार के लिए अदिति यादव मां डिंपल यादव के साथ नजर आई थीं। वहां वो महिलाओं के बीच जाकर बैठीं। अदिति ने मां के भाषण को बहुत ध्यान से सुना। हालांकि उन्होंने खुद कुछ नहीं बोला। 15 अप्रैल को अदिति मां के साथ एक नुक्कड़ सभा में दिखाई दीं। वह मां से कागज लेकर उनकी स्पीच पढ़ती हुई नजर आईं।
डिंपल ने 16 अप्रैल को नामांकन दाखिल किया। उसके बाद से अदिति ने अकेले ही मां का चुनाव प्रचार संभाल लिया। वो अपनी टीम के साथ गांव-गांव जा रही हैं। मां के लिए वोट मांगते हुए कहती हैं, ‘आप लोग 7 मई को साइकिल का बटन दबाकर समाजवादी पार्टी को जिताएं। जय हिंद-जय समाजवाद.. नेताजी अमर रहें।’
अदिति की इलेक्शन कैंपेन प्लानर पल्लवी कहती हैं- 40 दिन हो गए। अब तक वो 120 गांवों तक जा चुकी हैं। अदिति राजनीति में काफी इंटरेस्ट रखती हैं। वो पढ़ाई भी इसी विषय पर कर रही हैं। क्षेत्रीय नेताओं से बात करके वहां के मुद्दों को समझने की कोशिश करती रहती हैं।
अभी तक हम लोग करहल और किशनी के आसपास के गांवों को कवर कर चुके हैं। वह कहती हैं- आप इसे ऐसा मान सकते हैं कि ‘मूल से ब्याज ज्यादा प्यारा होता है’ वैसा ही रिस्पॉन्स अदिति को मिल रहा है।