Report By : ICN Network (UP Politics)
नीतीश कुमार के NDA में शामिल होते ही सियासत का पारा हाई हो गया। अब तमाम नेता नीतीश कुमार को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे है। इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव सचिन पायलट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को धार्मिक मुद्दों के बजाय केंद्र सरकार के 10 वर्ष के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर चुनाव लड़ना चाहिए।
दरअसल, पायलट ने टोंक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, ”यह बात बिल्कुल सही है कि नीतीश कुमार पाला बदल कर एक बार फिर भाजपा के साथ चले गये… लेकिन मैं समझता हूं कि हमारे गठबंधन ‘इंडिया’ का जो गठजोड है.. हमारा सीट-शेयरिंग है.. हम इकठ्ठा चुनाव लड रहे हैं और जिन मुद्दों को लेकर सामने आये हैं उसमें कहीं कोई फर्क पड़ेगा। हम पूरी मजबूती से लोकसभा चुनाव लडेंगे।
इस दौरान विधायक पायलट ने ये भी कहा कि राहुल गांधी की यात्रा लगातार चल रही है और यात्रा को जो अपार समर्थन मिल रहा है उससे भाजपा भयभीत है। राहुल गांधी ने जो मुद्दे उठाए हैं वो मार्मिक मुद्दे हैं.. जनता के मुद्दे हैं और उन्ही मुद्दों को जनता पसंद कर रही है।
राम मंदिर का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का जो निर्माण हुआ है, वो इस देश की सर्वोच्च अदालत के निर्णय के बाद हुआ है। जब उच्चतम न्यायालय ने वो निर्णय दिया तो सबने स्वागत किया। भगवान राम का अगर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है, उसमें सबको खुशी है सब उसमें शामिल है लेकिन उस निर्माण का श्रेय लेना.. भगवान राम को सीमित नहीं किया जाना चाहिए। भगवान राम कण कण में विद्यमान है। भगवान राम किसी दल, एक समुदाय या एक सरकार, एक नेता, एक पार्टी, एक देश के नहीं है… पूरे ब्रह्माड के हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें सीमित कर देना और उन्हें राजनीतिक नजरिये से देखना मैं गलत मानता हूं. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर हुए ज्ञापन समझौते (एमओयू) को विधानसभा के पटल पर रखा जाना चाहिए और उस पर चर्चा की जानी चाहिए.
पायलट ने कहा कि ईआरसीपी एक बड़ा मुद्दा था, जो लंबित था लेकिन सरकार ने राजनीतिक कारणों से लोकसभा चुनाव से पहले एमओयू पर हस्ताक्षर किए.