Report By : ICN Network
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2024 में समाप्त हो गया था, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनावों के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी हुई। अब पार्टी नेतृत्व ने मार्च 2025 में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का प्रस्ताव रखा है।
पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50% राज्य अध्यक्षों का चुनाव होना अनिवार्य है, और इस प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के अध्यक्षों के चुनाव पर भी जोर दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश भाजपा ने पहले ही 70 जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी है, जो प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।
संभावित उम्मीदवारों के नामों की चर्चा भी जोरों पर है, जिनमें ओबीसी वर्ग के नेता धर्मपाल सिंह, बी.एल. वर्मा और स्वतंत्र देव सिंह के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, ब्राह्मण समुदाय से भी कई नेता जैसे दिनेश शर्मा और हरीश द्विवेदी के नामों पर विचार किया जा रहा है।
भा.ज.पा. का यह नेतृत्व परिवर्तन आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि चुनावों से पहले संगठन को मजबूत किया जाए ताकि पार्टी अपने चुनावी अभियान को और प्रभावी बना सके।
इस पूरे बदलाव की प्रक्रिया के साथ, भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि चुनावों में उसकी स्थिति मजबूत रहे और वह उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ को बनाए रख सके।