Report By : ICN Network
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर छोड़े गए या जब्त किए गए वाहनों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने 8 मई 2025 को पारित आदेश में स्पष्ट किया कि शहर की सड़कों को इन वाहनों के लिए कब्रगाह नहीं बनने दिया जा सकता।
अदालत ने सभी पुलिस थानों को निर्देश दिया है कि वे ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें और ऐसे वाहनों को केवल डंपिंग यार्ड में स्थानांतरित करने के बजाय उनका उचित निपटान सुनिश्चित करें। इसके लिए प्रत्येक नगर पालिका वार्ड में उपयुक्त स्थानों की पहचान करने और आवश्यक परामर्श जारी करने का निर्देश दिया गया है।
यह आदेश मैराथन मैक्सिमा को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया गया, जिसमें शिकायत की गई थी कि एक स्थानीय पुलिस स्टेशन द्वारा जब्त किए गए वाहनों को सोसाइटी के गेट के बाहर छोड़ दिया गया, जिससे निवासियों को असुविधा हो रही है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रैफिक विभाग के निर्देशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने भी ऐसे वाहनों की पहचान और स्क्रैपिंग के लिए एक निजी एजेंसी को अनुबंधित किया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है, जिसमें ट्रैफिक विभाग से इस मुद्दे के दीर्घकालिक समाधान के लिए विस्तृत योजना प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।