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UP-बहराइच में जंगली हाथियों से फसलों को होने वाले नुकसान से रोकेगा चिली डंक केक

यूपी के बहराइच जिले में जंगली हाथियों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए चिली डंक केक तैयार किया गया है।इस वक्त गन्ने की फसल तैयार हो चुकी है जिसको खाने के लिए जंगली हाथियों का प्रकोप कतर्नियाघाट इलाके में काफी बढ़ गया है लेकिन इसको रोकने के लिए नेचर इनवायरमेंट एंड वाइल्ड लाइफ सोसाइटी (न्यूज़) ने एक चिली डंक केक (गोबर और मिर्च से बने कण्डे) तैयार किए है जिससे हाथी अब फसलों का कम से कम नुकसान कर पाएगा। इस केक को तैयार करने के लिए संस्था ग्रामीणों को 10 मशीनें भी देगी ताकि आसानी से केक तैयार हो सके और फसलों का नुकसान बच सके।न्यूज़ संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि यह केक तैयार करने के बाद जब खेत के चारो तरफ सुलगाया जाता है तो इससे धुंए की चादर फैल जाती है जिसमें हाथी जब प्रवेश करता है तो उसे मिर्ची लगती है वह भाग जाता है। उन्होंने बताया कि चिली डंक केक के निर्माण के लिए संस्था 10 मशीनें भी देगी।

जिससे आम्बा, बिशनापुर, भवानीपुर, बर्दिया, मटेही, फ़क़ीरपुरी, रमपुरवा, आज़मपुरवा, लोहरा, रमपुरवा मटेही गाँवो में बनी गज मित्र कमेटी के पास यह मशीन रहेगी जिससे वह खुद भी कण्डो का निर्माण करेंगे और ग्रामीणों को भी इसका निर्माण सिखाएगे।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में जंगली हाथियों की बढ़ती चहलकदमी के कारण संस्था नए गज मित्रों की भर्ती करने के लिए ग्रामीणों का प्रशिक्षण भी कर रही है। अभी कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में 50 गज मित्र तैनात है, लेकिन नए प्रशिक्षण और विभागीय जाँच के बाद इनकी संख्या 100 से भी अधिक हो जायेगी। इस समय कतर्नियाघाट में ग्रामीणों का प्रशिक्षण चल रहा है।

अभिषेक ने बताया कि गज मित्रों की तैनाती के बाद से हाथियों द्वारा फसलों के नुकसान में 60 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है इसीलिए इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है और चिली डंक केक के प्रयोग से और अच्छे परिणाम आने की सम्भावना है।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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