Report By : ICN Network
प्रदूषण से लगातार जूझ रही राजधानी दिल्ली में अब बादलों की कृपा से राहत पाने की तैयारी हो रही है। दिल्ली सरकार क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) तकनीक के ज़रिए कृत्रिम वर्षा कराने की योजना बना रही है, ताकि वायु में मौजूद खतरनाक प्रदूषक तत्वों को नीचे गिराया जा सके और हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें रसायनों जैसे सिल्वर आयोडाइड या नमक के कणों को बादलों में छोड़ा जाता है ताकि उनमें जलवाष्प को संघनित कर वर्षा कराई जा सके। इस तकनीक का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में सूखा और प्रदूषण कम करने के लिए किया जा चुका है।
दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर क्लाउड सीडिंग का परीक्षण करने की योजना बनाई है। इसके लिए विमान की मदद से रसायनों को बादलों में छोड़ा जाएगा। हालांकि यह परीक्षण तभी संभव होगा जब मौसम अनुकूल रहेगा और पर्याप्त मात्रा में बादल मौजूद होंगे।
वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए यह परीक्षण नवंबर-दिसंबर जैसे महीनों में हो सकता है, जब प्रदूषण का स्तर चरम पर होता है। अगर परीक्षण सफल रहा, तो दिल्ली में यह एक स्थायी समाधान बन सकता है।
हालाँकि क्लाउड सीडिंग से तात्कालिक राहत मिलने की संभावना है, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं माना जाता। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके साथ-साथ स्थायी प्रदूषण नियंत्रण उपायों को भी लागू करना आवश्यक होगा।