• Mon. Aug 4th, 2025

Bollywood News: काजोल ने क्या सचमुच करवाया था स्किन व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट? कभी सुनने पड़े थे ‘मोटी’ और ‘सांवली’ जैसे ताने, फिर बॉलीवुड में रचा इतिहास

काजोल की करियर जर्नी
Bollywood News: काजोल ने क्या सचमुच करवाया था स्किन व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट? कभी सुनने पड़े थे ‘मोटी’ और ‘सांवली’ जैसे ताने, फिर बॉलीवुड में रचा इतिहास बॉलीवुड की चमकती सितारा काजोल दशकों से दर्शकों के दिलों पर राज कर रही हैं। एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाली काजोल की मां तनुजा एक मशहूर अभिनेत्री थीं, तो पिता शोमू मुखर्जी एक जाने-माने फिल्म निर्देशक। काजोल ने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों से इंडस्ट्री में अपनी अमिट छाप छोड़ी। मगर उनके इस शानदार सफर में उनके रंग-रूप को लेकर ताने और आलोचनाएं भी कम नहीं रहीं।

सांवले रंग को लेकर झेली आलोचना

काजोल ने एक पुराने साक्षात्कार में खुलासा किया था कि उनके सांवले रंग और शारीरिक बनावट को लेकर उन्हें काफी कुछ सुनना पड़ा। लोग उन्हें ‘सांवली’, ‘मोटी’ और ‘हमेशा चश्मा पहनने वाली’ कहकर तंज कसते थे। लेकिन काजोल ने इन बातों को दिल से न लगाते हुए अपने आत्मविश्वास को बनाए रखा। उन्होंने कहा था कि वह खुद को हमेशा से कूल, स्मार्ट और दूसरों से बेहतर मानती थीं। काजोल ने यह भी बताया कि उन्होंने धीरे-धीरे खुद को शीशे में देखकर यह यकीन करना शुरू किया कि वह खूबसूरत हैं। उनकी सलाह थी, “जब तक आप खुद पर यकीन न करें, तब तक आत्मविश्वास का दिखावा करें, और एक दिन आप वाकई वह बन जाएंगे।”

स्किन व्हाइटनिंग की अफवाहों पर दिया करारा जवाब

काजोल के सांवले रंग को लेकर कई बार अफवाहें उड़ीं कि उन्होंने स्किन व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट करवाया। लेकिन काजोल ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके करियर के शुरुआती 10 साल धूप में शूटिंग करते बीते, जिसके चलते उनकी त्वचा टैन हो गई थी। लेकिन जब उन्होंने धूप में काम करना कम किया और कुछ समय घर पर बिताया, तो उनकी त्वचा का टैन स्वाभाविक रूप से हल्का हो गया। काजोल ने साफ कहा कि उनकी त्वचा की चमक का राज कोई ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि प्राकृतिक बदलाव है।

काजोल का शानदार फिल्मी सफर

काजोल ने अपने करियर की शुरुआत 1992 में फिल्म ‘बेखुदी’ से की थी। इसके बाद उन्होंने ‘बाजीगर’, ‘ये दिललगी’, ‘करण अर्जुन’, ‘हलचल’, ‘गुप्त’, ‘इश्क’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘दुश्मन’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘गुंडाराज’, ‘देवी’ और ‘दिलवाले’ जैसी कई यादगार फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा। इन फिल्मों के जरिए काजोल ने न सिर्फ अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया, बल्कि यह भी साबित किया कि प्रतिभा और आत्मविश्वास किसी भी आलोचना को पीछे छोड़ सकते हैं। काजोल की यह प्रेरक कहानी हर उस शख्स के लिए सबक है जो अपनी पहचान को लेकर संशय में हो। उनके आत्मविश्वास और मेहनत ने उन्हें बॉलीवुड की सबसे चमकदार सितारों में से एक बनाया।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *