Report By : ICN Network
पुणे के खराड़ी इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ, जो अमेरिकी नागरिकों को धमकाकर उनसे करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 123 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 111 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल हैं।
यह फर्जी कॉल सेंटर एक कंपनी के नाम पर एक बहुमंज़िला इमारत की 9वीं मंज़िल पर चल रहा था और करीब एक साल से सक्रिय था। यहां काम करने वाले लोग खुद को अमेरिकी एजेंसियों का अधिकारी बताकर अमेरिकियों को फोन करते थे। वे उन्हें बताते थे कि उनके अमेज़न अकाउंट का इस्तेमाल ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में हो रहा है।
इसके बाद पीड़ितों को डराकर उनसे अमेज़न गिफ्ट कार्ड खरीदवाए जाते थे, जिन्हें बाद में नकद में बदलकर हवाला या क्रिप्टो के जरिए भारत लाया जाता था।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में सबूत इकट्ठा किए हैं, जिनमें 64 लैपटॉप, 41 मोबाइल फोन, 4 वाई-फाई राउटर और ₹13.74 लाख की नकदी शामिल है। जांच में यह भी सामने आया कि इस गिरोह के पास लाखों अमेरिकी नागरिकों का डेटा था और ये लोग कॉल करते समय वीपीएन और विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे थे ताकि उनकी पहचान छिपी रहे।
अब तक इस घोटाले के आठ मुख्य आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन नामों में सरजीत सिंह शेखावत, अभिषेक पांडे, श्रीमय परेश शाह, लक्ष्मण शेखावत और एरोन क्रिश्चियन शामिल हैं। बाकी तीन की तलाश जारी है।
यह गिरोह प्रतिदिन लगभग एक लाख अमेरिकी नागरिकों की जानकारी प्राप्त करता था और स्क्रिप्ट के आधार पर कॉल करके उन्हें धमकाता था। कॉल सेंटर में काम करने वालों को पूरी ट्रेनिंग दी जाती थी कि किस तरह अमेरिकी एजेंसियों का नाम लेकर लोगों को डराना है।
इस मामले में साइबर अपराध से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचने के लिए आगे की जांच में जुटी है। जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी संभव है।