Report By : ICN Network
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित नरहड़ गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब जीएसटी विभाग की टीम अचानक एक ग्रामीण के घर पहुंची। टीम जब दस्तावेज़ों की जांच करने लगी, तो जो सामने आया उसने सबको चौंका दिया।
जिस शख्स के नाम पर करोड़ों रुपये का व्यापार और जीएसटी रजिस्ट्रेशन था, वह वास्तव में दुबई में मजदूरी का काम कर रहा है। उसका नाम इमरान है और वह पिछले कई वर्षों से विदेश में रहकर मेहनत कर रहा है, जबकि भारत में उसकी पहचान का दुरुपयोग कर किसी ने उसके नाम से फर्जी फर्म खोलकर बड़ा कर घोटाला कर डाला।
जीएसटी टीम को सूचना मिली थी कि झुंझुनूं जिले के नरहड़ गांव में एक व्यक्ति के नाम पर बड़ी मात्रा में कर चोरी की जा रही है। जब टीम वहां जांच करने पहुंची, तो संबंधित व्यक्ति के परिवार ने बताया कि इमरान तो विदेश में है और उन्हें इस फर्म या किसी व्यापार की जानकारी नहीं है।
जांच में पाया गया कि इमरान के नाम से ‘M/S Star Enterprises’ नाम की फर्म पंजीकृत की गई थी, जिसके जरिए करीब 10 करोड़ रुपये के लेनदेन दिखाए गए थे। इतना ही नहीं, फर्म के दस्तावेज़ों में जो पता दिया गया था, वहां पर कोई व्यवसायिक गतिविधि नहीं हो रही थी।
विभाग ने यह भी बताया कि यह फर्जीवाड़ा केवल दस्तावेज़ों के आधार पर किया गया था। इमरान के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्रों का गलत इस्तेमाल कर फर्जी जीएसटी नंबर लिया गया और फिर उसपर भारी मात्रा में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया गया।
अब यह पूरा मामला पहचान की चोरी और फर्जी कर रिटर्न दाखिल करने का बनता है, जिसे लेकर अब कर विभाग आगे की कानूनी कार्रवाई करेगा। टीम ने इस घोटाले से जुड़े अन्य दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी जब्त कर लिया है।
इस मामले ने कर चोरी के उन नए तरीकों की पोल खोल दी है जिनमें अनजान लोगों की पहचान चुराकर फर्जी कंपनियों के माध्यम से टैक्स सिस्टम का दुरुपयोग किया जाता है। इमरान जैसे लाखों मजदूर जो देश से बाहर हैं, उनके दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल का खतरा अब और भी बड़ा बन गया है।