केस-1
बुधवार को सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन के पास सेक्टर-71 की ओर पड़ने वाले सीएनजी पंप पर सुबह के वक्त ही वाहनों की लाइन नजर आई। दोपहर होते-होते यह लाइन पंप से आगे मुख्य मार्ग होते हुए सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन के नीचे से अंडरपास तक पहुंच गई। ऐसे में अंडरपास से आने वाले वाहन रेंगते हुए निकलते नजर आए। सेक्टर-53 स्थित सीएनजी पंप पर भी यही स्थिति देखने को मिली। यहां सुबह से ही बड़े से छोटे सीएनजी वाहनों की अलग-अलग लगी रही। इस बीच एलिवेटेड रोड से सेक्टर-53 गिझौड़ की ओर जाने वाले मार्ग में सीएनजी वाहनों की कतार लगने से वाहन रेंगने लगे। इस बीच वाहनों को व्यवस्थित करने के लिए कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आया। बाहरी वाहनों से बढ़ता है दबाव
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में जून तक कुल पंजीकृत करीब 11.46 लाख वाहनों में से लगभग 1.19 लाख सीएनजी हैं। जिले से करीब 22 लाख वाहन रोजाना गुजरते हैं। इनमें से औसतन तीन से पांच लाख वाहन शहर में सीएनजी लेने के लिए रुकते हैं। इसके अलावा गैर पंजीकृत वाहनों की संख्या भी काफी है जो अपने वाहनों में अलग से गैस सिलिंडर लगाने के बावजूद परिवहन विभाग को सूचना नहीं देते हैं।