Report By : ICN Network
गाजियाबाद के दिल्ली-मेरठ मार्ग के जंगल में मिले कंकाल की पहचान उमाशंकर शर्मा के रूप में हुई है, जो 27 अप्रैल से लापता थे। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने शराब के नशे में उमाशंकर की गला दबाकर हत्या की थी। हत्या के बाद आरोपियों ने शव की पहचान न हो, इसके लिए दो दिन बाद उसे डीजल डालकर जला दिया था।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल गमछा और डीजल की खाली केन भी बरामद की है। कुछ दिन पहले ही आरोपियों ने शराब के नशे में ग्रामीणों के सामने हत्या का राज उगल दिया था, जिससे पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कंकाल की फोरेंसिक जांच के बाद सबूत कोर्ट में पेश किए जाएंगे ताकि आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके।
पकड़े गए पांचों आरोपियों को गांव काजमपुर मार्ग के ट्यूबवेल के पास से गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपी फरार होने की फिराक में थे।
उमाशंकर, जो कि गांव सीकरी कलां का निवासी था, अपने साथ काम करने वाले पांच आरोपियों के साथ फ्लेक्स लगाने का काम करता था। 27 अप्रैल को वह अचानक लापता हो गया था। परिजनों ने 20 मई को उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 21 मई को पुलिस को हेरिटेज स्कूल के पीछे जंगल में उसका कंकाल मिला था, जिसमें उसकी टीशर्ट भी बरामद हुई थी। पुलिस ने कंकाल की जांच के लिए लैब भेजा था।
पुलिस को ग्रामीणों से पता चला कि उमाशंकर को आखिरी बार नीरज सैनी, अजय, पंकज सैनी, मनोज सैनी और गौरव सैनी उर्फ कालू के साथ देखा गया था। एक आरोपी ने शराब के नशे में हत्या की बात स्वीकार की, जिसके बाद सभी पांचों को गिरफ्तार किया गया।
जांच में सामने आया कि हत्या से कुछ दिन पहले उमाशंकर और आरोपियों के बीच विवाद हुआ था। विवाद के बाद उन्होंने हत्या की योजना बनाई और 27 अप्रैल को शराब पीते हुए फिर से झगड़ा हुआ, जिसमें पांचों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।