• Wed. Feb 19th, 2025

शेयर बाजार का रुख: ग्लोबल ट्रेंड और FPI की चाल तय करेगी बाजार की दिशा

Report By : ICN Network

पिछले आठ कारोबारी सत्रों में BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,644.6 अंक यानी 3.36% गिरा है, जबकि NSE का निफ्टी 810 अंक या 3.41% कमजोर हुआ है।

Market Outlook: कंपनियों के तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त होने के बाद इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझान और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियों के आधार पर तय होगी। विश्लेषकों की यही राय है।

विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार निकासी, कंपनियों के अपेक्षा से कमजोर तिमाही नतीजे और वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध की संभावना के कारण बीते सप्ताह शेयर बाजारों की धारणा प्रभावित हुई। शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी लगातार आठवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में शोध और संपदा प्रबंधन के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन खत्म होने के साथ अब बाजार का ध्यान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों से उत्पन्न स्थितियों और वैश्विक घटनाक्रमों पर केंद्रित रहेगा।” इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, “तिमाही नतीजों का दौर समाप्त होने के बाद अब बाजार की नजर आगामी संकेतों के लिए एफपीआई के प्रवाह और मुद्रा के उतार-चढ़ाव पर होगी। साथ ही अमेरिकी शुल्क और वैश्विक व्यापार पर इसका प्रभाव भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।” सप्ताह के दौरान फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा भी जारी किया जाएगा।

एंजल वन लिमिटेड के वरिष्ठ विश्लेषक – तकनीकी और डेरिवेटिव्स ओशो कृष्णन ने कहा, “घरेलू कारकों की अनुपस्थिति में वैश्विक रुझान ही बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होंगे।”

बीते आठ कारोबारी सत्रों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,644.6 अंक या 3.36 प्रतिशत नीचे आया है, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 810 अंक या 3.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ है।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, “बाजार में गिरावट के कई कारण हैं। इनमें प्रमुख रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा व्यापारिक भागीदार देशों पर ऊंचा शुल्क लगाने की घोषणा शामिल है। इसके अलावा, कमजोर तिमाही नतीजे और विदेशी निवेशकों की सतत निकासी भी बाजार की धारणा को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक रहे हैं।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *