Report By : ICN Network
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को अवैध भूमि आवंटन के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने पटवारी गांव में कृषि भूमि के अवैध आवंटन में भाग लिया। जबकि GNIDA ने कुल 9,600 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहित करने का दावा किया था, असल में केवल 1,600 वर्ग मीटर ही अधिग्रहित हुई थी, लेकिन 2023 में इसके बावजूद आवंटन पत्र जारी किए गए, जिससे कानूनी विवाद खड़ा हो गया।
अदालत ने GNIDA की इस कार्रवाई को मनमाना और धोखाधड़ी भरा बताया है। दो आवंटकों ने याचिका दायर कर दावा किया कि उन्होंने पूरी राशि जमा कर दी थी, लेकिन बाद में पता चला कि उनके आवंटित भूखंड का 80 प्रतिशत हिस्सा GNIDA के वैध स्वामित्व में नहीं था। इस पर अदालत ने GNIDA की प्रक्रिया को गंभीर रूप से गलत ठहराया।
न्यायालय ने GNIDA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से स्पष्ट करने को कहा कि क्यों इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद GNIDA ने तीन अधिकारियों — आरके देव, केएम चौधरी और सुरेश कुमार — को निलंबित करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी के कार्यालय में अटैच कर दिया है। इसके साथ ही प्रभावित आवंटियों को वैकल्पिक भूखंड देने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
राज्य सरकार ने इस मामले में और कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है और कहा है कि अधिकारियों की लापरवाही और GNIDA की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और भूमि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है और सरकारी संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।