Report By: ICN Network
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के 14 एम्स के चेयरमैन से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने गोरखपुर एम्स की व्यवस्थाओं पर चेयरमैन पद्मश्री डॉ. हेमंत कुमार से भी विस्तार से चर्चा की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर मरीजों को जेनरिक नाम से ही दवाएं लिखें, ताकि उन्हें जनऔषधि केंद्र पर कम कीमत में दवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे रोगियों की समस्याओं को समझें और संवेदनशील रवैया अपनाएं। साथ ही एम्स प्रशासन को निर्देश दिए कि डॉक्टरों के लिए बेहतर आवास की व्यवस्था की जाए ताकि वे अच्छे वातावरण में काम कर सकें।
जेपी नड्डा ने जोर दिया कि एम्स प्रशासन गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को और मजबूत करे और जरूरत पड़ने पर खुद ही ओटी टेक्नीशियन और लैब टेक्नीशियन जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करे, जिससे स्टाफ की कमी दूर की जा सके। उन्होंने सुपरस्पेशियलिटी विभागों में सभी ओपीडी और आईपीडी को पूरी क्षमता से संचालित करने पर बल दिया और प्लास्टिक सर्जरी विभाग को उच्च स्तर पर हर हाल में शुरू करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि डॉक्टरों को कुछ समय के लिए अन्य एम्स और प्रमुख संस्थानों में काम करने का अवसर मिले और वहीं के डॉक्टरों को गोरखपुर एम्स में बुलाया जाए। यही प्रक्रिया एमबीबीएस और एमडी-एमएस के छात्रों पर भी लागू होगी, ताकि उन्हें व्यापक अनुभव प्राप्त हो सके।
जेपी नड्डा ने सभी चेयरमैन से कहा कि विश्राम सदनों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। उन्होंने साइबर सुरक्षा और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने, समयबद्ध तरीके से सभी कार्य पूरे करने और स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की टीम तैयार करने पर भी जोर दिया, ताकि प्रशासनिक कार्यों में कोई बाधा न आए और मरीजों को बेहतर सेवाएं समय पर मिल सकें।