Report By : ICN Network
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई-1 में 100 साल पुराना एक पीपल का पेड़ विवाद का केंद्र बन गया है। यह पेड़ एक नई सड़क परियोजना की सीमा में आ रहा है, जिसमें 130 मीटर चौड़ी सड़क और बस वे (Bus Rapid Transit System) शामिल हैं। निर्माण कार्य के दौरान जब यह स्पष्ट हुआ कि पेड़ को काटा जा सकता है, तब स्थानीय लोगों ने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया।
निवासियों का कहना है कि यह पेड़ सिर्फ एक वृक्ष नहीं है, बल्कि उनकी आस्था और परंपरा से जुड़ा है। वर्षों से लोग इस पेड़ की पूजा करते आए हैं। यह उनके लिए धार्मिक महत्व रखता है और उनका विश्वास है कि इस पेड़ को काटना अशुभ होगा।
लोगों ने मिलकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया और अधिकारियों से अपील की कि वे सड़क का मार्ग थोड़ा मोड़कर या ऐसा समाधान खोजें जिससे पेड़ को नुकसान न हो। उनकी यह मांग है कि पेड़ की रक्षा की जाए और विकास कार्य पेड़ को बचाते हुए किया जाए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने फिलहाल इस पेड़ को काटने से रोका है। उन्होंने इसके दोनों ओर मिट्टी भरने का काम शुरू किया है ताकि सड़क निर्माण रोका न जाए और पेड़ भी बचा रहे। अभी निर्माण कार्य चल रहा है और अधिकारियों ने लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पेड़ के चारों तरफ स्थान छोड़कर वैकल्पिक योजना पर विचार करना शुरू किया है।
स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस पेड़ को काटने की कोशिश की गई तो वे इसका विरोध करेंगे और आंदोलन करेंगे। वे चाहते हैं कि विकास कार्य हो, लेकिन उनकी धार्मिक और पर्यावरणीय आस्था से समझौता न किया जाए।
यह मामला विकास बनाम पर्यावरण और आस्था के टकराव का उदाहरण बन चुका है, जिसमें एक तरफ ट्रैफिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है तो दूसरी तरफ समाज की आस्था और परंपरा की रक्षा की मांग है। अधिकारी अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुटे हैं ताकि संतुलन बना रहे।