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दुर्घटना में बच्चे के दिव्यांग होने पर मिलेगा 4 गुना मुआवजा- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश दुर्घटना क्लेम मामले में कहा कि दुर्घटना में बच्चे की मृत्यु या दिव्यांग होने पर मुआवजा कुशल श्रमिक मानकर दिया जाएगा। कुशल श्रमिक का न्यूनतम वेतन बच्चे की आय माना जाएगा। दावेदार को न्यायाधिकरण में दस्तावेज पेश करने होंगे अन्यथा बीमा कंपनी जिम्मेदार होगी। कोर्ट ने फैसले की प्रति मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरणों को भेजने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के एक दुर्घटना क्लेम मामले में सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

अदालत ने कहा है कि दुर्घटना में बच्चे की मृत्यु या उसके स्थायी रूप से दिव्यांग होने पर क्षतिपूर्ति की गणना उसे कुशल श्रमिक मानते हुए की जाएगी। राज्य में दुर्घटना के समय कुशल श्रमिक का जो न्यूनतम वेतन होगा, उसे ही बच्चे की आय माना जाएगा। दावेदार व्यक्ति को न्यायाधिकरण के समक्ष न्यूनतम वेतन के संबंध में दस्तावेज पेश करने होंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में क्या?

बता दें कि अब तक दुर्घटना में बच्चे की मृत्यु या उसके स्थायी दिव्यांग होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति की गणना नोशन इनकम (काल्पनिक आय, वर्तमान में 30 हजार रुपये प्रतिवर्ष) के हिसाब से की जाती है।

अब राज्य में कुशल श्रमिक के न्यूनतम वेतन के हिसाब से क्षतिपूर्ति मिलेगी। वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुशल श्रमिक का न्यूनतम वेतन 14844 मासिक यानी 495 रुपये प्रतिदिन निर्धारित है।

कुशल श्रमिक के न्यूनतम वेतन को ही मानें बच्चे की आय

कोर्ट ने फैसले की प्रति सभी मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरणों को भेजने का दिया निर्देश

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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