Report By-Ganesh Kumar Sonbhadra(UP)
खेती बारी में बढ़ती लागत व कम उत्पादन को देखते हुए किसान अब परंपरागत खेती को छोड़ नई-नई किस्म की खेती कर रहे हैं। सदर विकास खंड के कुसी डौर निवासी किसान भोला सिंह ने पिंक रेड, सी टाइप हाइब्रेड किस्म की ड्रैगन फ्रूट की फसल लगाकर जिले के दूसरे किसानों के सामने एक मिसाल कायम किए है। ज्यादातर ड्रैगन फ्रूट की खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती है, लेकिन भोला 4 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर करीब 5 लाख रुपये सालाना मुनाफा भी कमा रहे हैं। बेचने के लिए उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं हैं बल्कि लोग उसके फार्म से ही ले जाते हैं। वहीं किसान का कहना है कि सरसो और गेहूं से इतना फायदा नहीं होता, जितना इस तरह की खेती करके हो सकता है। सोनभद्र सदर मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर कुसी डौर के रहने वाले किसान भोला सिंह अपनी पुश्तैनी भूमि पर 5 सालों से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। वह इस बार 4 एकड़ की जमीन पर पिंक रेड, सी टाइप हाइब्रेड किस्म की ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे है। अगर इसके फायदे की बात करें तो ड्रैगन फ्रूट में प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनके अलावा, इस फल में विटामिन सी और ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। इसमें फैट बहुत कम और फाइबर अधिक होता है, जो वेट लॉस करने वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी ड्रैगन फ्रूट का सेवन करना लाभकारी होता है। ड्रैगन फ्रूट का सेवन सुबह के समय करना अच्छा माना जाता है। अगर सुबह खाली पेट ड्रैगन फ्रूट का सेवन किया जाए, तो शरीर इसके पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है।