गुरुवार को दिनभर चली मीडिया रिपोर्ट्स को सिडनी टेस्ट के टॉस ने सही साबित कर दिया। जसप्रीत बुमराह भारत की ओर से टॉस कराने ब्लेज़र पहनकर मैदान में उतरे। इसका मतलब साफ था कि कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को टीम से बाहर कर लिया है और वह पांचवां टेस्ट नहीं खेल रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को अंतिम ग्यारह में शामिल किया गया है रोहित का यह फैसला टीम इंडिया को कितना फायदा पहुंचाएगा, यह तो टेस्ट मैच के परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। हालांकि, क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं, जब कप्तानों ने खुद को टीम से बाहर कर टीम की रणनीति को प्राथमिकता दी है 2014 में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका की टीम ने अपने कप्तान दिनेश चांदीमल को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था। उनके इस साहसिक फैसले का नतीजा यह हुआ कि श्रीलंका ने वह टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया उसी साल भारतीय क्रिकेट में भी ऐसा ही एक बड़ा फैसला देखने को मिला था। महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट के बाद अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उनके इस फैसले के बाद विराट कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई। कोहली ने कप्तान के रूप में टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान साबित हुए रोहित का खुद को ड्रॉप करना इसी परंपरा की ओर इशारा करता है, जहां टीम की जरूरत को व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से ऊपर रखा जाता है। यह फैसला कितना कारगर होगा, यह समय बताएगा
कप्तान रोहित ने सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर किया: धोनी भी कर चुके ऐसा

गुरुवार को दिनभर चली मीडिया रिपोर्ट्स को सिडनी टेस्ट के टॉस ने सही साबित कर दिया। जसप्रीत बुमराह भारत की ओर से टॉस कराने ब्लेज़र पहनकर मैदान में उतरे। इसका मतलब साफ था कि कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को टीम से बाहर कर लिया है और वह पांचवां टेस्ट नहीं खेल रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को अंतिम ग्यारह में शामिल किया गया है रोहित का यह फैसला टीम इंडिया को कितना फायदा पहुंचाएगा, यह तो टेस्ट मैच के परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। हालांकि, क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं, जब कप्तानों ने खुद को टीम से बाहर कर टीम की रणनीति को प्राथमिकता दी है 2014 में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका की टीम ने अपने कप्तान दिनेश चांदीमल को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था। उनके इस साहसिक फैसले का नतीजा यह हुआ कि श्रीलंका ने वह टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया उसी साल भारतीय क्रिकेट में भी ऐसा ही एक बड़ा फैसला देखने को मिला था। महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट के बाद अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उनके इस फैसले के बाद विराट कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई। कोहली ने कप्तान के रूप में टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान साबित हुए रोहित का खुद को ड्रॉप करना इसी परंपरा की ओर इशारा करता है, जहां टीम की जरूरत को व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से ऊपर रखा जाता है। यह फैसला कितना कारगर होगा, यह समय बताएगा