अमेरिका में रह रहे 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को बुधवार (5 फरवरी) को एक अमेरिकी सैन्य विमान से भारत डिपोर्ट किया गया था. अब विदेश मंत्रालय ने इस मामले में नई अपडेट दी है अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों का निर्वासन जारी, 586 को भेजने की तैयारी 5 फरवरी को अमेरिका में रह रहे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को विशेष सैन्य विमान के माध्यम से भारत भेजा गया था। इन भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर लाया गया, जिससे संसद में विवाद खड़ा हो गया। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने एक नई जानकारी साझा करते हुए बताया कि अमेरिका ने 487 और भारतीयों के निर्वासन का आदेश जारी कर दिया है। भारत सरकार की प्रतिक्रिया विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 7 फरवरी को विशेष संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अमेरिका ने भारत को 298 अन्य संभावित भारतीय प्रवासियों की एक सूची भी भेजी है। कुल मिलाकर 586 भारतीयों को अमेरिका से निष्कासित किया जा सकता है। जब मिस्री से पूछा गया कि क्या सरकार ने निर्वासित भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार का मुद्दा अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है, तो उन्होंने पुष्टि की कि भारत इस मामले पर लगातार अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में है और अपनी चिंता जता चुका है। हथकड़ी और सैन्य विमान का उपयोग क्यों? मिस्री ने बताया कि इस बार निर्वासन की प्रक्रिया पहले से अलग थी, क्योंकि इसे अमेरिका में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान’ के रूप में परिभाषित किया गया। इसी कारण अमेरिकी सैन्य विमान का उपयोग किया गया। इससे पहले कब सैन्य विमान का उपयोग किया गया था, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच करनी होगी। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी अधिकारियों ने निर्वासन की प्रक्रिया के लिए 2012 से एक तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) अपनाई हुई है। आगे और कितने लोग भेजे जाएंगे? मिस्री ने कहा कि अमेरिका से लौटने वाले भारतीयों की कई श्रेणियां होती हैं। कुछ लोग स्वेच्छा से वापस आते हैं, जबकि कुछ को कानूनी आदेश के तहत निष्कासित किया जाता है भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ निरंतर संवाद कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल भारतीय नागरिकों को ही वापस भेजा जाए। जब भी कोई सूची मिलती है, भारत उसकी जांच-पड़ताल करता है और फिर आगे की कार्रवाई करता है अवैध प्रवास की समस्या और सरकार की रणनीति विदेश सचिव ने कहा कि इस समस्या की जड़ अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले गिरोह हैं, जो लोगों को झूठे वादों के जरिए विदेश भेजते हैं। ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए भारत सरकार निर्वासित नागरिकों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को लेकर सतर्क है और हर मामले को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाती रहेगी

अमेरिका में रह रहे 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को बुधवार (5 फरवरी) को एक अमेरिकी सैन्य विमान से भारत डिपोर्ट किया गया था. अब विदेश मंत्रालय ने इस मामले में नई अपडेट दी है अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों का निर्वासन जारी, 586 को भेजने की तैयारी 5 फरवरी को अमेरिका में रह रहे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को विशेष सैन्य विमान के माध्यम से भारत भेजा गया था। इन भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर लाया गया, जिससे संसद में विवाद खड़ा हो गया। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने एक नई जानकारी साझा करते हुए बताया कि अमेरिका ने 487 और भारतीयों के निर्वासन का आदेश जारी कर दिया है। भारत सरकार की प्रतिक्रिया विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 7 फरवरी को विशेष संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अमेरिका ने भारत को 298 अन्य संभावित भारतीय प्रवासियों की एक सूची भी भेजी है। कुल मिलाकर 586 भारतीयों को अमेरिका से निष्कासित किया जा सकता है। जब मिस्री से पूछा गया कि क्या सरकार ने निर्वासित भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार का मुद्दा अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है, तो उन्होंने पुष्टि की कि भारत इस मामले पर लगातार अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में है और अपनी चिंता जता चुका है। हथकड़ी और सैन्य विमान का उपयोग क्यों? मिस्री ने बताया कि इस बार निर्वासन की प्रक्रिया पहले से अलग थी, क्योंकि इसे अमेरिका में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान’ के रूप में परिभाषित किया गया। इसी कारण अमेरिकी सैन्य विमान का उपयोग किया गया। इससे पहले कब सैन्य विमान का उपयोग किया गया था, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच करनी होगी। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी अधिकारियों ने निर्वासन की प्रक्रिया के लिए 2012 से एक तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) अपनाई हुई है। आगे और कितने लोग भेजे जाएंगे? मिस्री ने कहा कि अमेरिका से लौटने वाले भारतीयों की कई श्रेणियां होती हैं। कुछ लोग स्वेच्छा से वापस आते हैं, जबकि कुछ को कानूनी आदेश के तहत निष्कासित किया जाता है भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ निरंतर संवाद कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल भारतीय नागरिकों को ही वापस भेजा जाए। जब भी कोई सूची मिलती है, भारत उसकी जांच-पड़ताल करता है और फिर आगे की कार्रवाई करता है अवैध प्रवास की समस्या और सरकार की रणनीति विदेश सचिव ने कहा कि इस समस्या की जड़ अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले गिरोह हैं, जो लोगों को झूठे वादों के जरिए विदेश भेजते हैं। ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए भारत सरकार निर्वासित नागरिकों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को लेकर सतर्क है और हर मामले को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाती रहेगी