भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जांच के बाद दर्ज की तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर उत्तर प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति के मामले में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर, बर्खास्त सिपाही और मुख्य अग्निशमन अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण संगठन (Vigilance) की जांच में दोषी पाए गए हैं। इन तीनों के खिलाफ अब भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, और अब संगठन इनकी अतिरिक्त संपत्ति के स्रोतों की जांच में जुट गया है। इस जांच के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है सबसे पहले, पुलिस महानिरीक्षक स्थापना के तहत तैनात इंस्पेक्टर रामवीर पर वर्ष 2020 में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। उनकी जांच 2023 में की गई, जब वह कानपुर देहात में तैनात थे और एक मामले में चार्जशीट लगाने के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे थे। उन्हें कल्याणपुर क्षेत्र में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। जांच में यह भी पाया गया कि रामवीर ने 2004 से 2023 तक अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कुल 1,20,24,426 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जबकि इस अवधि में उन्होंने 1,44,14,301.63 करोड़ रुपये खर्च किए, जो आय के मुकाबले 23,89,775.63 अधिक था इसी तरह, बर्खास्त सिपाही श्याम सुशील मिश्रा को भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी पाया गया। श्याम सुशील मिश्रा ने पांच साल में अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कुल 5,10,23051 करोड़ रुपये कमाए थे, जबकि उन्होंने 8,21,63472.53 करोड़ रुपये खर्च किए, जो उनकी आय से 3,11,40421.53 करोड़ रुपये ज्यादा था। इन आरोपों के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था और अब उनकी संपत्ति के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है इसके अतिरिक्त, दमकल विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी विश्वरूप बनर्जी भी आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी पाए गए। उन्होंने 2016 से 2021 तक अपनी आय के स्रोतों से 24,36,176 लाख रुपये अर्जित किए, जबकि उन्होंने 35,19,514 लाख रुपये खर्च किए, जो आय के मुकाबले 10,83,338 लाख रुपये अधिक था। इन सभी मामलों में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी इन मामलों ने पुलिस विभाग और अन्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नई बहस छेड़ दी है, जिससे विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है
कानपुर में आय से अधिक संपत्ति मामले में इंस्पेक्टर, बर्खास्त सिपाही और फायर अफसर दोषी पाए गए

भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जांच के बाद दर्ज की तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर उत्तर प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति के मामले में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर, बर्खास्त सिपाही और मुख्य अग्निशमन अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण संगठन (Vigilance) की जांच में दोषी पाए गए हैं। इन तीनों के खिलाफ अब भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, और अब संगठन इनकी अतिरिक्त संपत्ति के स्रोतों की जांच में जुट गया है। इस जांच के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है सबसे पहले, पुलिस महानिरीक्षक स्थापना के तहत तैनात इंस्पेक्टर रामवीर पर वर्ष 2020 में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। उनकी जांच 2023 में की गई, जब वह कानपुर देहात में तैनात थे और एक मामले में चार्जशीट लगाने के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे थे। उन्हें कल्याणपुर क्षेत्र में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। जांच में यह भी पाया गया कि रामवीर ने 2004 से 2023 तक अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कुल 1,20,24,426 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जबकि इस अवधि में उन्होंने 1,44,14,301.63 करोड़ रुपये खर्च किए, जो आय के मुकाबले 23,89,775.63 अधिक था इसी तरह, बर्खास्त सिपाही श्याम सुशील मिश्रा को भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी पाया गया। श्याम सुशील मिश्रा ने पांच साल में अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कुल 5,10,23051 करोड़ रुपये कमाए थे, जबकि उन्होंने 8,21,63472.53 करोड़ रुपये खर्च किए, जो उनकी आय से 3,11,40421.53 करोड़ रुपये ज्यादा था। इन आरोपों के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था और अब उनकी संपत्ति के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है इसके अतिरिक्त, दमकल विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी विश्वरूप बनर्जी भी आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी पाए गए। उन्होंने 2016 से 2021 तक अपनी आय के स्रोतों से 24,36,176 लाख रुपये अर्जित किए, जबकि उन्होंने 35,19,514 लाख रुपये खर्च किए, जो आय के मुकाबले 10,83,338 लाख रुपये अधिक था। इन सभी मामलों में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी इन मामलों ने पुलिस विभाग और अन्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नई बहस छेड़ दी है, जिससे विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है