Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश की जेल प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। एक पूर्व सांसद को जेल के भीतर विशेष सुविधा देने और वीआईपी ट्रीटमेंट के मामले में अब तक चार अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। ताजा कार्रवाई में एक और जेलकर्मी को इस मामले में लापरवाही और अनुशासनहीनता के चलते सस्पेंड कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, जेल में बंद एक पूर्व सांसद को न केवल नियमों के विपरीत सुविधाएं दी जा रही थीं, बल्कि उन्हें एक सम्मानित मेहमान की तरह रखा जा रहा था। इस पूरे मामले में जेल स्टाफ की मिलीभगत सामने आई है, जिसमें दो मुख्य बंदी और कुछ अधिकारी भी शामिल पाए गए हैं।
जेल प्रशासन की आंतरिक जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सीसीटीवी फुटेज और कर्मचारियों की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि पूर्व सांसद को अलग से कमरा, बेहतर भोजन और अतिरिक्त सहूलियतें दी जा रही थीं, जबकि अन्य कैदियों को सामान्य व्यवस्था में रखा गया था।
अब तक इस मामले में दो मुख्य बंदियों सहित कुल चार लोगों को निलंबित किया जा चुका है। सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि जेलों में वीआईपी संस्कृति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि जेल प्रशासन को पूरी पारदर्शिता और समान व्यवहार के सिद्धांतों पर चलना होगा। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए राज्य स्तर पर सभी जेलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है और जेल अधीक्षकों को विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं।