Report By : ICN Network
कानपुर साइबर क्राइम सेल ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि 15 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। यह गिरोह दुबई, कनाडा और यूरोप में नौकरी का झूठा वादा करके पीड़ितों से वीजा और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लाखों रुपये वसूलता था। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों में 5 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन पाया है और कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं।
पुलिस कमिश्नर के अनुसार, यह गिरोह पिछले दो वर्षों से सक्रिय था और सैकड़ों युवाओं को ठग चुका है। वे सोशल मीडिया और नौकरी पोर्टलों पर फर्जी जॉब पोस्टिंग डालते थे, पीड़ितों को फर्जी ऑफर लेटर और वीजा दस्तावेज भेजते थे, और विभिन्न शुल्कों के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे। पैसे मिलने के बाद, वे संपर्क समाप्त कर देते थे।
गिरोह ‘एलीट ग्लोबल करियर्स’ और ‘ओवरसीज कंसल्टेंसी’ नामक फर्जी वेबसाइटें चलाता था, जो असली जॉब कंसल्टेंसी जैसी दिखती थीं। वे नौकरी पोर्टलों का दुरुपयोग करके उम्मीदवारों का डेटा चुराते थे और उन्हें आकर्षक विदेशी नौकरी के ऑफर देते थे। ऑनलाइन इंटरव्यू की व्यवस्था करके, वे पीड़ितों से प्रोसेसिंग फीस, वेरिफिकेशन चार्ज, वीजा, ट्रैवल और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर कुल मिलाकर 4.5 लाख रुपये तक वसूलते थे। पैसे मिलने के बाद, वे अपने मोबाइल नंबर बंद कर देते थे और पीड़ित से संपर्क समाप्त कर देते थे।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह गिरोह केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय था। वे सोशल मीडिया के जरिए भी नौकरी के फर्जी विज्ञापन पोस्ट करते थे और लोगों को जाल में फंसाते थे। गिरोह की कार्यप्रणाली इतनी संगठित थी कि वे फर्जी इंटरव्यू बोर्ड और नियुक्ति पत्रों तक का इंतजाम करते थे, जिससे उम्मीदवारों को धोखाधड़ी का आभास न हो। पुलिस को संदेह है कि गिरोह के कुछ अन्य साथी भी इस अपराध में शामिल हो सकते हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
कानपुर पुलिस ने इस गिरोह के ठिकानों पर छापा मारकर भारी मात्रा में डिजिटल और भौतिक साक्ष्य बरामद किए हैं, जिनमें तीन लैपटॉप, नौ स्मार्टफोन, 14 कीपैड मोबाइल, आठ मोबाइल सिम, एक जियो वाई-फाई डिवाइस, कई बैंक पासबुक और डेबिट कार्ड, और एक हुंडई वेरना कार शामिल हैं।
पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने अब तक प्रदेशभर में लाखों लोगों को निशाना बनाया है। डीसीपी क्राइम सैयद मोहम्मद कासिम के अनुसार, गिरोह के सदस्य न केवल फोन कॉल के माध्यम से बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर भी नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। अब तक की जांच में अनुमान लगाया गया है कि इस गिरोह ने लगभग 3 से 4 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस इस नेटवर्क में शामिल अन्य अपराधियों की पहचान करने और गिरोह को पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है