Kedarnath Dham News: महाशिवरात्रि के पावन मौके पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का ऐलान किया गया है। 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर बाबा केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस खबर को सुनने के बाद शिव जी के भक्त काफी खुश हो गए हैं। चारधाम यात्रा में से एक केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। वहीं विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट भी इस वर्ष 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे।
गौरतलब है कि Kedarnath Dham के कपाट 27 अक्टूबर को भैया दूज के मौके पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। सुबह साढ़े आठ बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के बाद बंद किए गए थे। आपको बता दें, गंगोत्री धाम के कपाट भी 26 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद किए गए थे।
हिन्दू धर्म में चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है। चारों धामों में से एक केदारनाथ भी है, जिसकी बहुत मान्यता है। देश में कुल 12 ज्योर्तिलिंगों की श्रेणी में केदारनाथ भी शामिल है। कहा जाता है बाबा केदारनाथ के पास हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जो भी भक्त अपनी मनोकामना बाबा भोलेनाथ के सामने रखता है बाबा उसे जरूर पूरा करते हैं।
एक और यह मान्यता है कि जब महाभारत के युद्ध विजय के बाद पांडव अपने ही परिवार जनों के वध से शोक की भावना से भर गए थे, तब पांडव अपने पाप से मुक्त होने के लिए काशी गए। पांडव काशी भोलेनाथ के दर्शन के लिए गए। बाबा भोलेनाथ को जब पांडवों के बारे में पता चला तब वह नाराज़ होकर केदारनाथ चले गए।
पांडवों से बचने के लिए भोलेनाथ ने बैल का रूप ले लिया और बैलों के झुंड में शामिल हो गए। पांडव भोलेनाथ को ढूंढ़ते हुए केदारनाथ पहुंचे। केदारनाथ में भीम ने अपना विराट स्वरूप धारण किया। भीम के विराट रूप के कारण सभी जानवर उनके पैरों के बीच से निकल गए। इसी दौरान भीम ने भगवान शिव को ढूंढ़ लिया। भोलेनाथ पांडवों की भाव-भक्ति देख खुश हुए और दर्शन देकर सभी पांडवों को पाप से मुक्त कर दिया। पांडवों ने केदारनाथ मंदिर की स्थापना कराई जहां बैल के पीठ की आकृति-पिंड की पूजा होती है।