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भदोही से लोकसभा चुनाव लड़ सकते है ललितेशपति त्रिपाठी,इंडिया गठबंधन के होंगे उम्मीदवार,अखिलेश से की मुलाकात…

Report by-vidya prakash bharti mirzapur up

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वर्ष 1971-73 में बागडोर सम्हाल चुके पं. कमलापति त्रिपाठी के परपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकेगे। मडिहान सीट से विधायक रहे ललितेशपति त्रिपाठी अपना खानदानी जिला छोड़कर पड़ोसी जनपद भदोही से भाग्य आजमाएंगे। इंडिया गठबंधन से तृणमूल कांग्रेस के नेता की सपा मुखिया अखिलेश यादव से वार्ता और भदोही से चुनाव लड़ने की सलाह से सुगबुगाहट भी तेज हो गई है।भदोही में समाजवादी पार्टी मजबूत स्थिति में हैं। इस जिले की 5 विधानसभा सीट में से 3 पर सपा का कब्जा हैं। भदोही से सपा के जाहिद बेग, हंडिया से हाकिम लाल बिंद और प्रतापपुर से विजमा यादव विधायक हैं। औराई में दीना नाथ भास्कर भाजपा और ज्ञानपुर से निषाद पार्टी के विपुल दुबे विधायक हैं इन सीटों पर सपा प्रत्याशी दूसरे नम्बर पर थे ।

न्याय यात्रा के दौरान भदोही नहीं गए राहुल गाँधी

न्याय यात्रा के दौरान राहुल गाँधी भदोही की यात्रा पर आने के बजाय वाराणसी से वायनाड के लिए निकल गए थे। भदोही की यात्रा स्थगित कर दिया गया। राहुल भदोही को जम्प कर अगले पड़ाव के लिए बढ़ जाना गाँधी परिवार से चार पीढ़ी तक जुड़े रहे ललितेश को वाक ओवर के रुप में देखा जा रहा है। चर्चा यह भी हैं कि राजेश मिश्र ने अपने नेता के स्वागत के लिए भरपूर प्रयास किया था। लेकिन भीड़ न जुटने की जानकारी मिलते ही राहुल बाबा ने वायनाड की ओर बढ़ गए।

ललितेशपति होंगे टीएमसी प्रत्याशी

मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के रुप में चुनावी ताल ठोक सकते हैं। कांग्रेस सपा का समझौता होने के बाद अब अन्य दलों से वार्ता का रास्ता साफ हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी को भदोही में सीट मिलने के साथ ही प्रदेश में उनकी नैया के खेवनहार ललितेशपति त्रिपाठी को सहमति मिल सकती हैं। यह सीट टीएमसी को मिला तो कांग्रेस के राजेश मिश्र को अपने मन की उडान पर लगाम लगाना पड़ सकता हैं।

मझवां ने बनाया था कमलापति त्रिपाठी को सीएम

ललितेशपति के परबाबा कमलापति त्रिपाठी मिर्जापुर के मझवां से चुनाव लड़ा करते थे। यहीं से उन्होंने विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया। ललितेश के बाबा लोकपति त्रिपाठी ने भी मझवां से अपनी राजनीति की शुरूआत की थी । जनता के स्नेह से विधायक बने। इसके बाद ललितेश के पिता राजेशपति त्रिपाठी एमएलसी बने। हालांकि उन्होंने विधायक से लेकर लोकसभा तक का चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए।

चौथी पीढ़ी के ललितेश ने मड़िहान विधान सभा क्षेत्र चुनकर 2012 में विधायक बने। ललितेश ने मिर्जापुर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं मिली। इस बार 2024 में एक बार फिर लोक सभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

भदोही में सपा के हैं 3 विधायक

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सपा-बसपा गठबंधन से कड़ी टक्कर मिली थी। भाजपा के रमेश चंद बिंद को 5 लाख 10 हजार 29 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के रंगनाथ मिश्र को 4 लाख 66 हजार 414 वोट मिले। कांग्रेस के रमाकांत यादव को 25 हजार 604 वोट ही मिले थे। रमाकांत यादव अब सपा में है और आजमगढ़ की फूलपुर सीट से विधायक हैं।

पिछड़ा वर्ग के साथ ही ब्राह्मण, दलित और अल्पसंख्यक हैं निर्णायक वोटर

भदोही जिला 1015 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिले की आबादी करीब 15,78,213 है। कुल आबादी में 8,07,099 पुरुष और 7,71,114 महिलाएं हैं। भदोही लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ों की संख्या सबसे अधिक है। उसके बाद ब्राह्मण, दलित, अल्पसंख्यक हैं। ऐसे में सभी दलों की नजर पिछड़ी जाति के वोटरों पर रहती है। अलग अलग जातियों की संख्या की बात करें तो ब्राह्मण 3 लाख 15 हजार, बिंद 2 लाख 90 हजार, दलित 2 लाख 60 हजार, मुस्लिम 2 लाख 50 हजार, यादव 1 लाख 40 हजार, ठाकुर एक लाख, मौर्या 95 हजार, पाल 85 हजार, पटेल 75 हजार, वैश्य एक लाख 40 हजार और अन्य करीब डेढ़ लाख हैं।

इस बार वोटों में ज्यादा बिखराव न होने से पक्ष और विपक्ष के गठबंधन के बीच रोचक मुकाबला तय है। जीत का सेहरा किसके नसीब में होगा। यह तो जनता तय करेगी।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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