वैष्णो देवी में भूस्खलन का कहर, 32 की मौत, PM मोदी ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास हुए भीषण भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को हुई इस त्रासदी के बाद बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन के बचाव दल दिन-रात जुटे हैं, जबकि कई लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका बनी हुई है। यह भूस्खलन कटरा शहर से मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे घुमावदार रास्ते के बीचों-बीच हुआ, जिसने तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने बचाव कार्यों की प्रगति पर नजर रखने और हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया।
यात्रा मार्ग पर पाबंदी, बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले दो मार्गों में से हिमकोटि मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी। पुराने मार्ग पर भी दोपहर 1:30 बजे तक तीर्थयात्रा जारी रही, लेकिन भारी बारिश के चलते अधिकारियों ने एहतियाती कदम उठाते हुए इसे भी रोक दिया। जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने हालात को और जटिल बना दिया है, जिसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
वायुसेना का राहत अभियान, हेलीकॉप्टर तैनात
भारतीय वायुसेना ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है। बुधवार को एक सी-130 परिवहन विमान राहत सामग्री और एनडीआरएफ की टीमें लेकर गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना अड्डे से जम्मू पहुंचा। इसके अलावा, चिनूक और एमआई-17 वी5 जैसे हेलीकॉप्टर जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर और पठानकोट के वायुसेना अड्डों पर आपात स्थिति के लिए तैयार रखे गए हैं।
केंद्रीय मंत्री का अपडेट: PM मोदी की नजर स्थिति पर
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि जम्मू संभाग आयुक्त रमेश कुमार लगातार विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह हम सभी के लिए आश्वस्त करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं और हर अपडेट ले रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि पुंछ और राजौरी को छोड़कर जम्मू संभाग में बारिश की तीव्रता कम हुई है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है। तवी नदी का जलस्तर कम होना राहत की बात है।
बुनियादी सुविधाओं की बहाली में जुटा प्रशासन
अधिकारियों का कहना है कि बिजली, पानी और मोबाइल सेवाओं की बहाली प्राथमिकता है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायुसेना के जवान नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर रात-दिन काम कर रहे हैं। भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इस त्रासदी ने एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता को उजागर किया है, और प्रशासन की तत्परता और केंद्र सरकार की सक्रियता प्रभावितों के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई है।