महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। संगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेशी भक्त भी महाकुंभ पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है, और संगम पर डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु, देश-विदेश से, कड़ाके की ठंड को नजरअंदाज करते हुए पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र को दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से सजाया गया है, जो इसे जगमगाता हुआ बना रहा है। इस आयोजन में एक नई और महत्वपूर्ण बात यह रही कि किन्नर अखाड़े के सदस्य समाज कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना कर रहे हैं। किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के मौके पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। उनका कहना था कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज के प्रति सकारात्मक संदेश देने का भी एक महत्वपूर्ण मंच है किन्नर अखाड़े के सदस्य ‘हर हर महादेव’ का जयघोष करते हुए संगम की ओर बढ़े। इस दौरान, आचार्य महामंडलेश्वर और अन्य महामंडलेश्वर भी उनके साथ थे, और पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए साधु अमृत स्नान के लिए आगे बढ़े। तलवारें लहराते हुए उन्होंने इस पावन अवसर की शुरुआत की। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के दौरान किन्नर अखाड़े के सदस्य आकर्षण का केंद्र बने। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की। इस बीच, जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रयागराज में राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि वह पवित्र डुबकी लगाने वाले पहले आचार्य थे और राज्य सरकार ने इतनी बड़ी भीड़ को सफलता से संभाला है
महाकुंभ में पुरुष नागा साधुओं के साथ महिला नागा संन्यासियों ने भी श्रद्धा से डुबकी लगाई
महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। संगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेशी भक्त भी महाकुंभ पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है, और संगम पर डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु, देश-विदेश से, कड़ाके की ठंड को नजरअंदाज करते हुए पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र को दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से सजाया गया है, जो इसे जगमगाता हुआ बना रहा है। इस आयोजन में एक नई और महत्वपूर्ण बात यह रही कि किन्नर अखाड़े के सदस्य समाज कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना कर रहे हैं। किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के मौके पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। उनका कहना था कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज के प्रति सकारात्मक संदेश देने का भी एक महत्वपूर्ण मंच है किन्नर अखाड़े के सदस्य ‘हर हर महादेव’ का जयघोष करते हुए संगम की ओर बढ़े। इस दौरान, आचार्य महामंडलेश्वर और अन्य महामंडलेश्वर भी उनके साथ थे, और पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए साधु अमृत स्नान के लिए आगे बढ़े। तलवारें लहराते हुए उन्होंने इस पावन अवसर की शुरुआत की। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के दौरान किन्नर अखाड़े के सदस्य आकर्षण का केंद्र बने। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की। इस बीच, जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रयागराज में राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि वह पवित्र डुबकी लगाने वाले पहले आचार्य थे और राज्य सरकार ने इतनी बड़ी भीड़ को सफलता से संभाला है